कलेक्टर मनीष सिंह के कार्यकाल को याद रखेगा पूरा शहर, चुनाव से पहले मेट्रो चलाना सबसे बड़ी चुनोती

Share on:

विपिन नीमा

इंदौर।  कलेक्टर मनीष सिंह की दबंग कार्यशैली को पूरा शहर याद रखेगा। अपने पूरे कार्यकाल के दौरान उन्होंने हर चुनोतियों का डटकर सामना किया । कोविड से शुरुआत हुई और स्वच्छता, निगम चुनाव और सख्ती से माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई आदि में सफलता हासिल की। उन्होंने गत 28 मार्च 2020 को कलेक्टर का चार्ज लिया था । लगभग पौने तीन साल तक जनता के साथ रहे और उनकी समस्याओं का निराकरण कर उन्हें न्याय दिलाने में लगे रहे। सरकार ने उन्हें मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी सौंपी है। विधानसभा चुनाव से पहले सितम्बर 2023 तक इंदौर – भोपाल में मेट्रो ट्रेन चलाना उनकी सबसे बड़ी परीक्षा होगी।

पहले पुरस्कार लिया फिर हुआ तबादला

सोमवार की शाम जिस समय कलेक्टर मनीष सिंह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पुरस्कार ग्रहण कर रहे थे उसके कुछ ही देर बाद उनका तबादला हो गया। सरकार ने प्रदेश के कलेक्टरों की तबादला सूची जारी कर दी। ये भी एक बड़ा संयोग है।

पहले ही दिन से ही मिली चुनोती

इंदौर शहर में अभी तक जितने भी कलेक्टर पदस्थ हुए है उनमें मनीष सिंह एकमात्र ऐसे कलेक्टर रहे जिन्हें पहले दिन से ही कड़ी परीक्षा देनी पड़ी। कोविड जैसी घातक बीमारी से लड़ते हुए पूरे शहर को कोविड से बचा के रखा। इसके बाद लॉकडाउन का सामना किया। लगभग डेढ़ से दो साल तो कोविड ओर लॉक डाउन से लड़ते लड़ते ही निकल गए। इसके बाद भी उन्होंने कोविड को फैलने नही दिया। ये उनकी सबसे बड़ी सफलता रही।

बेदाग कार्यकाल

इन्दौर में एसडीएम, एडीएम, मंडी सचिव, एकेवीएन एमडी, प्राधिकरण सीईओ से लेकर नगर निगम आयुक्त के रूप में मनीषसिंह का कार्यकाल बेदाग और शानदार रहा, जिसके चलते उन्हें प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इन्दौर की बागडोर सौंपी गई। यहां आते ही उन्हें कोरोना से जंग शुरू करना पड़ी और उसके बाद जब हालात सामान्य हुए तो फिर कुछ कर गुजरने के अपने मिजाज के चलते मिलावटखोरों, राशन माफिया, रेत खनन से लेकर ड्रग और भूमाफियाओं (Land mafia) के खिलाफ ऐसा अभियान शुरू किया कि गुंडों की रूह कांप गई।

उनके मकान, दुकान जमींदोज किए गए। गरीबों का राशन हड़पने वाले, रेत और खनन, मिलावटी और ड्रग माफिया के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की गई। फिर गृह निर्माण संस्थाओं के फर्जीवाड़े का पिटारा खोला गया और पहली बार माफियाओं पर कार्रवाई के साथ ही उनके चंगुल से हजारों करोड़ रुपए की जमीनें निकालकर भूखंड पीडि़तों में बंटवाना भी शुरू कर दीं।

सख्त मिजाज वाले अफसर

मध्यप्रदेश में कलेक्टर मनीष सिंह की गिनती सख्त मिजाज वाले अधिकारियों में की जाती है. नगर निगम के कमिश्नर रहने के दौरान ही इंदौर को स्वच्छता में सबसे पहले देश में नम्बर वन बनाने का श्रेय उन्हीं को जाता है।