देशभर में सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। इस समय बड़ी खबर यह है कि लाखों कर्मचारी नए साल में एक खुशखबरी की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन अब 8वें वेतन आयोग को लेकर सरकार का ताजा बयान सामने आया है, जिससे कर्मचारियों का इंतजार और बढ़ गया है।
8वें वेतन आयोग के गठन पर क्या है सरकार का रुख?
हाल ही में, सरकारी कर्मचारियों के वेतन में संभावित बढ़ोतरी की खबरों पर विराम लगाते हुए सरकार ने साफ तौर पर कहा कि फिलहाल 8वें वेतन आयोग के गठन पर कोई चर्चा नहीं हो रही है। इस पर कई मीडिया रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों ने पहले से ही अनुमान लगाए थे कि 2025-26 के बजट में इस विषय पर कोई बड़ा ऐलान हो सकता है, लेकिन अब सरकार ने इसे लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।
राज्यसभा सांसद जावेद अली खान और रामजी लाल सुमन ने वेतन आयोग पर सरकार से सवाल पूछा था। उनका सवाल था कि क्या सरकार आगामी बजट में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन पर कोई फैसला लेगी? इस पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जवाब दिया कि फिलहाल सरकार 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन पर विचार नहीं कर रही है।
पिछला वेतन आयोग का 2014 में हुआ था गठन
आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि पिछले वेतन आयोग का गठन 10 साल पहले यानी 2014 में हुआ था। इस समय यह सामान्य प्रक्रिया रही है कि हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग गठित होता है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन में बदलाव होते हैं। वेतन आयोग के माध्यम से महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) जैसे सुविधाओं में बढ़ोतरी की जाती है।
कर्मचारियों की उम्मीदों को झटका
हालांकि, इस बार यह उम्मीद जताई जा रही थी कि नए वेतन आयोग के गठन से सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिल सकती है। कई रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया था कि कर्मचारियों की सैलरी में 34,000 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। लेकिन सरकार के ताजा अपडेट ने इस उम्मीद को फिलहाल धक्का दे दिया है। अब सवाल यह उठता है कि क्या आने वाले समय में 8वें वेतन आयोग का गठन होगा या नहीं। इस पर सरकार का रुख साफ है कि फिलहाल इस बारे में कोई चर्चा नहीं हो रही है, जिससे कर्मचारियों का इंतजार और लंबा हो सकता है।