नई दिल्ली: भारत सरकार ने कोरोना वायरस (कोविड 19) के बारे में जानकारी प्राप्त करने, कोरोना से संक्रमित अथवा संदिग्ध व्यक्ति की जानकारी के साथ स्वयं का आकलन करने की सुविधा प्राप्त करने के लिए आरोग्य सेतु एप जारी किया था। लेकिन इसको लेकर कई बार विवाद भी खड़े हुए। इन विवादों के बाद अब सरकार का स्पष्टीकरण सामने आ गया है। सरकार का कहना है कि राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केंद्र ने उद्योग और शैक्षणिक क्षेत्र के वॉलनटिअर्स के सहयोग से आरोग्य सेतु ऐप तैयार किया गया है।
वहीं इस ऐप को लेकर पिछले दिनों नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर के अधिकारीयों को लगाई थी फटकार। साथ ही ऐसा कहा गया था कि नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर की वेबसाइट पर आरोग्य सेतु ऐप का नाम है। लेकिन इसके विकास को लेकर कोई जानकारी नहीं है। वहीं सरकार का कहना है कि आरोग्य सेतु ऐप को रिकॉर्ड 21 दिनों में पारदर्शी तरीके से सार्वजनिक-निजी सहयोग से विकसित किया गया है। जिसकी वजह से इस ऐप पर संदेह नहीं करना चाहिए। क्योंकि इस ऐप के द्वारा कोरोना से लड़ने में काफी मदद मिली है।
जानकारी के मुताबिक, इस ऐप को लेकर केंद्रीय सूचना आयोग ने नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर के अधिकारियों से जवाब मांगा था जिसपर CIC ने जॉब में कहा था कि NIC की वेबसाइट पर आरोग्य सेतु ऐप का नाम है, तो फिर उनके पास ऐप के विकास को लेकर कोई डिटेल क्यों नहीं है? साथ ही CIC ने इस संबंध में चीफ पब्लिक इन्फॉर्मेशन अधिकारियों (CPIOs) सहित नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और NIC को कारण बताओं नोटिस भेजा था। बता दें कि कोविड-19 के कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से आरोग्य सेतु ऐप को बढ़ावा दिया गया है। वहीं पीएम मोदी भी बार-बार लोगों से ऐप को डाउनलोड करने की अपील कर चुके हैं।