Rangpanchami In Indore : इन दिनों देशभर में रंगपंचमी को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है. ऐसे में इंदौर का नाम सबसे पहले आता है। यहां निकलने वाली विश्वविख्यात गेर देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्द है। आपको बता दे कि इसी कड़ी में इंदौर में रंगपंचमी आयोजन के दौरान 50 सालों पहले शुरू हुए दीवार लेखन की परम्परा आज भी जारी है। हालांकि इस परंपरा को बदलते समय और टेक्नोलॉजी के कारण फ्लेक्स लेखन में बदल गया है।
‘फ्लेक्स’ लेखन से मंत्रियों ने कसा तंज
बता दे कि इस फ्लेक्स के माध्यम से नेताओं के द्वारा तंज कसा जाता है। जैसे अभी लोकसभा चुनाव आने वाले है ऐसे में कई नेता और मंत्रियों को विपक्ष पर हमला बोलते हुए देखा जा रहा है। इंदौर में इस फ्लेक्स लेखन में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन समेत बीजेपी- कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जैसे कई बड़े नेता फ्लेक्स में नजर आ रहे हैं।
मंत्रियों को लेकर कसा गया तंज
– कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को लेकर लिखा गया- लो मैं बन गया थानेदार भैया अब डर काहे का।
– पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को लेकर लिखा गया – मोहे भूल गए बावरे ना दिल्ली सुन रही ना भोपाल भय खा रहा।
– विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ को लेकर लिखा गया- नहीं तो हो पाया अयोध्या का उत्तराधिकारी अभी मैं ही सब भारी।
– सांसद शंकर लालवानी को लेकर लिखा गया – हवाला काम आ गया नहीं तो डूब गई थी लुटिया।
– मंत्री तुलसी सिलावट को लेकर लिखा गया – खांटी भाजपाई तो आते नहीं मेरी चौखट पर कहे के मंत्री।
– जीतू पटवारी को लेकर लिखा गया – म्हारे से काई दुश्मनी, पद पर बैठते ही खाली हुई गी कांग्रेस।
पहले होता था ‘दीवार’ लेखन
आपको बता दे कि इस परंपरा की शुरुआत दीवार लेखन से शुरू हुई थी जब दीवारों पर लेखन किया जाता था। 50 साल पुरानी इस परंपरा में पोस्टर लेखन के माध्यम से मनोरंजन किया जाता था जो अब फ्लेक्स के माध्यम से किया जा रहा है। हालांकि टैगलाइन वहीं दी गई है, जो पहले दी जाती थी- ”बुरा न मानो होली है”।