अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस में नौकरी करने की गाथा

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गिरीश मालवीय की कलम से

मान लीजिए कि आप किसी जानी मानी अंतराष्ट्रीय एयरलाइंस में नोकरी करते हैं और आपकी तनख्वाह यही कुछ लाख रुपये के आसपास है, कंपनी ठीक चल रही होती है फिर फाइनेंशियल क्राइसिस आते हैं उसके कारण पहले आपकी तनख्वाह आना रुकती है बाद में एक दिन आपकी कंपनी बन्द हो जाती है आपके लाखों रुपए पेंशन ग्रेच्युटी के कंपनी में फंस जाते हैं आपके साथी कर्मचारियों के तो आपसे कही ज्यादा पैसे फँसे है …..एक दिन कम्पनी दिवालिया घोषित कर देती है ……..हंगामा हो जाता है …….फिर नई कंपनी आकर रिजोल्यूशन प्लान पेश करती हैं NLCT वह प्लान मान लेती है आपको लगता है आपकी नोकरी अब बच गयी और आपको अपने कम्पनी के पास जमा पैसे भी वापस मिल जाएंगे !…..

अब क्रोनी कैपटलिज्म का असली खेल शुरू होता है

नयी कंपनी आपसे कहती है कि ठीक है हम 4000 कर्मचारियों में से सिर्फ 50 लोगो को अपनी कंपनी में नई सेवा शर्तों के साथ नोकरी पर रखेंगे, ओर बाकी बचे कर्मचारियों को ऐसी कंपनी में नोकरी दी जाएगी जिसके की सालो साल शुरू होने की उम्मीद नही है ……. आप मरता क्या न करता कि सिचुएशन में है !….आप कहते हैं कि भैया ठीक है आप मेरा वही पैसा वापस दे दो जो पिछली कंपनी में मेरा बकाया था,

नयी कंपनी कहती है कि ठीक है हमारे हिसाब से जो रकम हम हर कर्मचारी को दे सकते हैं वह है ’22 हजार 800 रुपए पाठकगण सोच रहे हैं कि मैं मजाक कर रहा हूँ लेकिन मैं आपको बिल्कुल सच्चा किस्सा बता रहा हूँ हम बात कर रहे हैं जेट एयरवेज की….जिसके 4000 कर्मचारियों को उसके नए मालिक कालरॉक-जालान ने यही ऑफर किया है

जून में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा कर्ज में डूबी जेट एयरवेज को पुनर्जीवित करने के लिए कलरॉक कैपिटल और मुरारी लाल जालान को मंजूरी देने के बाद, कंसोर्टियम ने पूर्ववर्ती एयरलाइन के कर्मचारियों को 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने का फैसला किया है। जो कि भविष्य निधि, छुट्टी नकदीकरण, ग्रेच्युटी और छह महीने के वेतन के भुगतान के रूप में उन पर बकाया कुल 1,254 करोड़ रुपये का लगभग 8 प्रतिशत है। किंतु अभी उन्हें यह भी नही दिया जा रहा है,

जेट के एक कर्मचारी के मुताबिक, विमानन कंपनी पर हर कमांडर का लगभग 85 लाख रुपये है और सबसे कम सैलरी वाले कर्मचारी का लगभग 3 लाख रुपये बकाया है। रिजॉल्यूशन प्लान के तहत कर्मचारियों को जो पेमेंट नए मालिक करना चाह रहे हैं, उनमें 11000 रुपये कैश, 5100 रुपये कर्मचारी के माता-पिता के लिए मेडिकल रिइंबर्समेंट, कर्मचारी के बच्चों के लिए 6200 रुपये का रिइंबर्समेंट और 500 रुपये का वन टाइम मोबाइल रिचार्ज शामिल है

यह रकम कुल 22800/- होती है यानी जिसका 85 लाख फंसा है उसे 22 हजार 800 में सेटल करने का कहा जा रहा है !…… मार्च 2019 के बाद से जेट के 4000 कर्मचारियों को कोई वेतन नहीं मिला है हालांकि एक समय जेट एयरवेज में 9000 कर्मचारी कार्यरत थे. 3700 से ज्यादा ग्राउंड सर्विस से जुड़े थे ,लगभग 2000 इन-फ्लाइट सर्विस के अंग थें, 1500 इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट से जुड़े हुए थें, 1000 फ्लाइट ऑपरेशन से और लगभग 500 कर्मचारी एयरलाइंस के कॉरपोरेट-कमर्शियल डिपार्टमेंट का हिस्सा थें.अब यह संख्या 4000 के आसपास आ चुकी है, उन्हें नए मालिक द्वारा पेशकश की गई बकाया राशि लगभग 52 करोड़ रुपये है……

यह है दीवालिया अदालत की व्यवस्था जिसको लेकर मोदी सरकार अपनी पीठ ठोकती है , बाकी इसमे कर्ज देने वाले बैंको को कितना मिलता है यह तो हम आपको समय समय पर बताते ही रहते है……..