प्रदेश सरकार ने प्रवासी भारतीयों के सामने इंदौर का नाम बिगाड़ा – संजय शुक्ला

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इंदौर । कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने कहा है कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन में फैली अव्यवस्थाओं से मध्य प्रदेश की साख को बट्टा लगा है । प्रदेश सरकार की नाकामी ने इन प्रवासी भारतीयों के समक्ष इंदौर के नाम को भी बिगाड़ दिया । शुक्ला ने कहा कि इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए विश्व के अनेक देशों से प्रवासी भारतीय बड़ी उम्मीद और उपेक्षा के साथ इंदौर पहुंचे थे।

प्रदेश सरकार के द्वारा पिछले 1 महीने से सारे शहर में दिखावे की सुंदरता को तैयार करने के काम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे थे । प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित आला अधिकारी हर दो-चार दिन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा इस आयोजन की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे । निश्चित तौर पर ऐसी स्थिति में हम सभी को उम्मीद थी कि यह आयोजन प्रदेश की ब्रांडिंग में मील का पत्थर साबित होगा।

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उन्होने कहा कि इन सभी उम्मीदों पर आज इस सम्मेलन के पहले दिन ही पानी फिरता हुआ नजर आया है । शुक्ला ने कहा कि इस सम्मेलन के लिए ₹5000 का शुल्क देकर अपना पंजीयन कराने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन के पहले दिन ही हैरान परेशान हो गए । सुबह ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर पर स्थित इस सम्मेलन के पंजीयन केंद्र पर इतनी भीड़ लग गई कि इन प्रवासी भारतीयों को उनके पास नहीं मिल सके । वहां पर पूरा अव्यवस्था का आलम था।

एकेवीएन के अधिकारी किसी की सुनने और समझने के लिए तैयार नहीं थे । यह अधिकारी प्रवासी भारतीय नागरिकों को भी कोई बराबर जवाब नहीं दे रहे थे । पंजीयन केंद्र पर प्रवासी भारतीयों को लाइन लगाकर घंटों खड़े रहना पड़ा । उसके बाद भी उन्हें उनके पास नहीं मिल पा रहे थे । जिन लोगों को पास मिल रहे थे उसमें या तो नाम गलत था या फोटो गलत था । जो लोग पास पाने के बाद आयोजन स्थल पर जा रहे थे । उन लोगों के कार्ड वहां स्कैन नहीं हो पा रहे थे, जिसके चलते हुए उन्हें प्रवेश नहीं दिया जा रहा था।

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शुक्ला ने कहा कि इंदौर में आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन पूरी तरह से अव्यवस्थाओं का शिकार हो गया । बाहर देशों से आये प्रवासी प्रशासन की लापरवाही से परेशान होते रहे । सबसे अधिक परेशानी परिवहन सुविधा को लेकर हुई । आज सुबह अतिथि होटलों मे तैयार होकर कार्यक्रम स्थल पर जाने के लिए बैठे रहे लेकिन 4 घण्टे तक कोई वाहन उपलब्ध नही हुआ ।

इन मेहमानों को निर्धारित समय सुबह 9 बजे आयोजन स्थल पर पहुँचना था । बहुत से विभाग के कर्मचारियों को इस कार्य की सेवा में लगाया गया था लेकिन आपसी सामंजस्य नही होने से काम बराबर नही हुआ । प्रशासन ने प्रवासियों की सुविधा के लिए बड़े – बड़े दावे किए थे लेकिन सारे दांवे फैल हो गए है । इस स्थिति के कारण मध्यप्रदेश की साख को बट्टा लग गया । इसके साथ ही पूरे देश में इंदौर की छबि भी धूमिल हुई है ।