जयपुर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमणों ने फिर से रफ़्तार पकड़ ली है। जिसके चलते अब राजस्थान में भी महामारी की दूसरी लहर को लेकर सबकी चिंताए बढ़ गई है। जहा एक ओर प्रदेश के अस्पतालों में संक्रमितों को इलाज मिलना मुश्किल हो रहा है, वही दूसरी ओर कोरोना से मौतों का आंकड़ा भी 2100 के पार हो गया है
वही राहत की बात तो यह है कि, राजस्थान का मृत्यु दर अभी तक देश के 19 राज्यों से कम है, लेकिन बाज़ारों में नज़र आ रही लापरवाही ऐसी ही दिखाती रही तो यहां भी आने वाले दिनों में स्थिति ख़राब हो सकते हैं। बता दे कि, राज्य में हर रोज मिलने वाले नए संक्रमित मामलों की संख्या में काफी तेजी से बढ़ रहा है और इसी के साथ अस्पतालों में भी अब ऑक्सीजन और वेंटीलेटर्स तो छोडि़ए इलाज के लिए सामान्य बेड ख़त्म होने लगे हैं।
बता दे कि, दिवाली के पहले यहां हर रोज नए संक्रमितों की संख्या कम ही मिल रही थी, लेकिन त्यौहार के जाने के साथ ही यह संख्या 250 से बढ़कर अब फिर से 400 से पार पहुंच रही है।
इसी के चलते, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना की दूसरी लहर पर आशंका जताते हुए हर हफ्ते दो से तीन बार अपनी कोर टीम के साथ इस पर बैठके लेकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। साथ ही स्कूलों को भी 1 दिसंबर से पहले नहीं खोलने का सरकार ने फैसला किया है। निजी अस्पतालों में रोगियों के लिए बेड बढ़ाने के साथ सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर ही इलाज के लिए उन्हें फिर से पाबन्द भी किया है।
गौरतलब है कि, राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए अब राजस्थान ने भी सतर्कता बरतना शुरू कर दिया है। यहाँ भी नो मास्क नो एंट्री का नियन सख्ती से लागू किया जा रहा है, और मास्क नहीं पहनने वालों से भारी भरकम जुर्माने का कानून भी है।