बदलती लाइफ स्टाइल और बिगड़ते खान पान से हड्डियों से संबधित समस्या में बढ़ोतरी हुई हैं, वहीं हमारे गार्डन और खेल मैदान की कमी भी इसकी एक वजह हैं – Dr. Varun Chouhan Bombay Hospital

Suruchi
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इंदौर। आज के दौर में हमारे गार्डन और पार्क की संख्या काफी कम है। खेलकूद और अन्य एक्टिविटी के लिए मैदान कम हो गए हैं। जब हम बच्चें थे उस दौरान कितने ग्राउंड हुआ करते थे जो आज खत्म होने की कगार पर हैं। एक स्वस्थ शरीर के लिए आप दिन में कम से कम 45 मिनट अपने शरीर को दे जिसमें रनिंग, वॉकिंग, व्यायाम या अपना पसंदीदा कोई खेल खेलें. जब हम यह सब करते हैं तो इससे हमारे मसल्स, हड्डियां मजबूत होती हैं वहीं मानसिक तनाव दूर होता है। आज के दौर में सिटी की टाउन एंड कंट्री प्लानिंग में खेलकूद के गार्डन गायब होते नज़र आ रहे है। एक बड़ा ग्राउंड बना देने से कुछ नही होता, सबके लिए उस जगह जाकर खेलना आसान नहीं। हर कॉलोनी में ग्राउंड रखना होगा, ताकि बच्चें खेल सके। यह बात डॉ. वरुण चौहान ने अपने साक्षात्कार के दौरान कही। वह शहर के प्रतिष्ठित बॉम्बे हॉस्पिटल में ऑर्थोपेडिक सर्जन के रूप में अपने सेवाएं दे रहे हैं।

सवाल. क्या पिछले कुछ सालों में हड्डियों से संबधित समस्या बढ़ी है

जवाब.हड्डियों से संबधित समस्या जो पहले ओल्ड एज में सामने आती थी वह आजकल यंग जनरेशन में भी देखने को मिल रही हैं। पहले जो समस्या 60 के बाद देखने को मिलती थी अब 30 से 40 की उम्र में ऐसी समस्याएं देखने को सामने आ रही हैं। जिसके और भी कई कारण हो सकते हैं लेकिन हमारी बदलती लाइफ स्टाइल और बिगड़ते खाना पान का असर भी हमारे शरीर पर पड़ रहा है। इसको लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है, लेकिन अभी इस प्रकार की समस्या से निपटने के लिए हमें और ज्यादा सतर्क होने की जरूरत हैं।

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सवाल. हड्डियों की समस्या से बचने के लिए क्या किया जाए

जवाब.किसी व्यक्ति को भविष्य में किसी हड्डी से संबंधित समस्या से बचना है तो उन्हें अपनी दिनचर्या में हेल्दी डाइट और व्यायाम को शामिल करना होगा। इससे हमारी हड्डियां तो मजबूत होगी ही साथ ही आप दिनभर एनर्जेटिक महसूस करेंगे। जिसमें 45 मिनिट तक कोई भी एक्टिविटी या गेम्स को दे वहीं खान पान में दूध, फ्रेश सब्जी, फ्रूट, दाल और अन्य चीजों को शामिल करें। आजकल हम देखते हैं कि कई लोग पैकेज फूड पर निर्भर रहते हैं लेकिन कई पैकेज में वह सारे न्यूट्रिशन और विटामिन्स नहीं होते हैं जो उनके बॉक्स पर लिखे होते हैं। वहीं कई प्रोडक्ट हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक भी होते हैं।

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सवाल.हड्डियों में ज्यादा समस्या किन अंगो में आती है

जवाब.में कई सालों से इस फील्ड में कार्य कर रहा हूं, अगर में अपनी ओपीडी की बात करू तो लगभग 5 से 7 प्रतिशत की बढ़त पिछले कुछ सालों में देखने को मिल रही है जिसमें कमर दर्द, घुटनों में दर्द, एंकल दर्द और अन्य प्रकार की हड्डियों से जुड़ी समस्या देखने को सामने आती है। हमारी व्यस्त जीवनशैली की वजह से कई बदलाव हुए हैं, जिसमें खेल कूद, रनिंग, व्यायाम कम होता जा रहा हैं। जिसके दुष्परिणाम हमारे शरीर पर देखने को मिलते हैं। खेलकूद और अन्य एक्टिविटी से हमारा शरीर मजबूत होता है।
ऑफिस में ज्यादा लंबे समय तक सिस्टम पर कार्य करने से कई लोगों में कमर दर्द की समस्या उत्पन्न होती है।

सवाल.आपने अपनी एमबीबीएस और आर्थो विभाग की पढ़ाई कहां से पूरी की है।

जवाब. मैने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई एमजीएम मेडिकल कॉलेज से पूरी की। मेरी शुरू से ही रुचि ऑर्थोपेडिक में थी। इसलिए केइएम हॉस्पिटल मुंबई से ऑर्थोपेडिक में मास्टर की पढ़ाई पूरी की। वहीं नी सर्जरी में पुर्तगाल और फ्रांस से फेलोशिप प्रोग्राम कंप्लीट किया। मैने देश के कई बड़े अस्पतालों में एक कंसल्टेंट के रूप में कार्य किया जिसमें मुंबई का लीलावती अस्पताल, और इंदौर आने के पश्चात शहर के कई प्रतिष्ठित हॉस्पिटल में सेवाएं दी हैं। वर्तमान में लगभग पीछले 10 साल से में शहर के प्रतिष्ठित बॉम्बे हॉस्पिटल में ऑर्थोपेडिक सर्जन के रूप में अपनी सेवाएं दे रहा हूं।

सवाल. कम एक्सर्साइज से किस तरह की समस्या सामने आती है

जवाब. कोई एक्टिविटी नहीं करने और बेहतर खान पान नहीं होने से कई लोगों में ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हड्डियों में देखने को मिलती हैं। जिससे हड्डियों में कमजोरी हो जाती है और इस वजह से ज्यादा देर चलने या झुकने पर कमर दर्द और पांव के ज्वाइंट में दर्द देखने को मिलता हैं। जब हम एक्सर्साइज नहीं करते हैं तो हमारी बॉडी स्ट्रेचेबल नहीं होती है, जिससे कभी दबाव पड़ने से दर्द की अनुभूति होती हैं। हम मशीनों पर ज्यादा निर्भर हैं, जिस वजह से शारीरिक श्रम कम होता हैं और इसका असर हमारे शरीर पर पड़ता हैं।