कैंसर की समस्या डबल हिट थ्योरी पर काम करती है, पहले हिट यानी म्यूटेशन को हमारी बॉडी रेगुलर इंटरवल पर रिपेयर कर देती है, वही अन्य कारणों से लगने वाला सेकंड हिट कैंसर को देता है बढ़ावा – डॉक्टर नीलेश जैन कोकिलाबेन अंबानी हॉस्पिटल

bhawna_ghamasan
Published on:

इंदौर। कैंसर के लिए कई प्रकार की थ्योरी प्रचलित है मगर जनरल में अगर हम बात करें तो सबसे ज्यादा प्रचलित थ्योरी डबल हिट थ्योरी मानी जाती है। एक हिट हमारे डीएनए में होता है जिसे म्यूटेशन कहा जाता है जिसे हमारी बॉडी रेगुलर इंटरवल पर रिपेयर कर देती है। लेकिन अगर बात दूसरे हिट की कि जाए तो यह कई कारणों से लगता है जिसमें अल्कोहल, स्मोकिंग, खाने वाली चीजों में केमिकल, पोलूशन, गुटखा और अन्य शामिल है। कई लोग अल्कोहल स्मोकिंग और इन सब चीजों की का सेवन करते हैं लेकिन उन्हें सेकंड हिट नहीं लगने की वजह से कैंसर डेवलप नहीं होता है वहीं कई लोगों को थोड़े समय तक ही इन चीजों के सेवन के बाद कैंसर से संबंधित समस्या सामने आती है। कैंसर की सेकंड हिट किस व्यक्ति को कब और किस माध्यम से हिट करेगी यह पता लगाना मुश्किल है। बुरी आदतों और केमिकल एक्सपोजर से खुद को बचाना कैंसर की सेकंड हिट से बचाता है। वहीं 5 से 10 प्रतिशत पेशेंट में कैंसर से संबंधित समस्या जेनेटिक रूप से सामने आती है।यह बात डॉक्टर नीलेश जैन ने अपने साक्षात्कार के दौरान कही वह शहर के प्रतिष्ठित कोकिलाबेन अंबानी हॉस्पिटल में कैंसर सर्जन के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

सवाल. कैंसर से संबंधित समस्या कैसे सामने आती है इसके क्या कारण है?

जवाब. हमारी बॉडी में म्यूटेशन होते रहते हैं ऐसे में सेल डेवलप और रिपेयर भी होते रहते हैं। लेकिन जब किसी कारण से कैंसर के सेल पर रिएक्शन होते हैं तो वह रिपेयर नहीं हो पाते हैं और इस वजह से सेल की ग्रोथ कंट्रोल नहीं रहती है और वह धीरे-धीरे ट्यूमर का रूप ले लेता है और कैंसर जैसी समस्या सामने आती है। आजकल हमारे खान-पान में केमिकल एक्स्पोज़र बहुत ज्यादा बढ़ गया है वही फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं, फैक्ट्रियों से निकलने वाला केमिकल हमारे पानी और हवा को भी दूषित करता है। वहीं स्मोकिंग और अन्य कारण से कैंसर जैसी समस्या सामने आती है। अगर इसके आंकड़ों की बात की जाए तो कैंसर के केस बढ़ोतरी हुई है। इसके दो कारण हो सकते हैं एक तो लोगों में इसके प्रति जागरुकता और डिटेक्शन बढ़ा है वहीं दूसरी ओर वाकई में इसके कैस में इन सब चीजों के चलते बढ़ोतरी हुई है।

सवाल. ब्रेस्ट कैंसर की समस्या का मुख्य कारण क्या है यह कैसे सामने आती है?

जवाब. महिलाओं में सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर के मामले देखने को सामने आते हैं। अन्य ऑर्गन में होने वाले कैंसर की तरह इसमें भी कई कारण होते हैं। लेकिन इसके कारण में 70% ब्रेस्ट कैंसर की अगर बात की जाए तो महिलाओं में पीरियड्स के दौरान हार्मोनल चेंजेस होते हैं जो उन्हें प्रेगनेंसी के लिए प्रिपेयर करते हैं। इन 14 दिन के समय में बॉडी महिलाओं के सभी अंगों को ग्रो करती है। उस समय जब महिलाएं प्रेगनेंसी प्लान नहीं करती हैं तो वह हार्मोन रिग्रेस हो जाते हैं। यह प्रोसेस ऑफ डेवलप और रिग्रेस हार्मोन पर डिपेंड करता है और महिलाओं में कैंसर के चांस को बढ़ा देता है। महिलाओं में जब प्रेगनेंसी होती है और उसके बाद वह बच्चों को फीड करती है उस दौरान उन्हें ब्रेस्ट फीडिंग उन्हें इस प्रकार की समस्या से काफी हद तक सिक्योर रखती है। आमतौर पर फीमेल में जल्दी पीरियड शुरू होना और लेट मिनोपॉज होना भी इसके रिस्क फैक्टर को बढ़ाता है। महिलाओं में अगर ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण की बात की जाए ब्रेस्ट में गठान का होना, निप्पल डिस्चार्ज में ब्लड आना, खुजली होना शामिल है। इसमें भी कैंसर की चार स्टेज होती है अगर इसे शुरुआती तौर पर पकड़ लिया जाए तो पर 90% इसे ठीक किया जा सकता है।

सवाल. ओवेरियन कैंसर क्या है यह किस वजह से सामने आता है?

जवाब. महिलाओं में पाया जाने वाला ओवेरियन कैंसर भी हार्मोन डिपेंडेंट होता है। यह अनेक कारणों से सामने आता है जिसमें केमिकल एक्सपोजर, धूम्रपान अल्कोहल और अन्य चीजें शामिल है वही यह समस्या ब्रेस्ट कैंसर की तरह पीरियड्स के दौरान होने वाले हार्मोनल चेंजेस से भी मुख्य रूप से सामने आती है।इसके शुरुआती लक्षण की अगर बात की जाए तो इनडाइजेशन, पेट के निचले हिस्से का फूलना, गैस ज्यादा बनना, भूख में कमी आना शामिल है। वहीं जब समस्या एडवांस लेवल पर पहुंच जाती है तो पूरे पेट का फूलना, पेट में पानी भरना, पैरों में सूजन और अन्य प्रकार की समस्याएं सामने आती है।

सवाल. लंग कैंसर की समस्या किस वजह से होती है, इसके लक्षण क्या होते हैं?

जवाब. लंग कैंसर से संबंधित समस्या की अगर बात की जाए तो इसके केस में भी इजाफा हुआ है। इसके कारणों में मुख्यतः स्मोकिंग और धूम्रपान होता है। कई बार लोगों में पैसिव स्मोकिंग यानी कि बीड़ी सिगरेट पीने वाले व्यक्तियों में बैठने से भी लंग से संबंधित कैंसर की समस्या देखी जाती है। आमतौर पर यह समस्या ओल्ड एज में लेट डिटेक्ट होती है। वहीं नॉनस्मोकर में लंग से संबंधित कैंसर यंग एज में देखे जाते हैं। स्मोकिंग की वजह से होने वाले लंग कैंसर के लक्षण की अगर बात की जाए तो खांसी के साथ बलगम, ब्लड आना, सांस फूलना, भूख कम लगना जैसी समस्याएं सामने आती है। लंग कैंसर भी दूसरे के कैंसर की तरह 4 स्टेज में होता है और इसे पहली और दूसरी स्टेज में जांच कर काफी हद तक ठीक किया जा सकता है।

सवाल. आपने अपनी मेडिकल फील्ड की पढ़ाई किस क्षेत्र में और कहां से पूरी की है?

जवाब. मैंने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर से पूरी की है वही मैंने एमएस और एमसीएच की पढ़ाई किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ से की है और मैं एमसीएच में गोल्ड मेडलिस्ट हूं। इसी के साथ मैंने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में सीनियर रेसिडेंसी में भी हिस्सा लिया है। मैंने एफआईएजीईएस के फैलोशिप प्रोग्राम में हिस्सा लिया है।अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद मैंने गुड़गांव के फोर्टिस और अन्य हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दी है इंदौर आने के बाद मैंने बॉम्बे हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दी है वहीं वर्तमान में मैं शहर के प्रतिष्ठित कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में कैंसर सर्जन के रूप में अपनी सेवाएं दे रहा हूं