संयम पथ ही जीवन की सार्थकता- मुनि विमल सागर

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इन्दौर : जीवन का कोई भी क्षेत्र हो अगर संयम को नहीं अपनाया तो जीवन की सार्थकता ही नहीं हैं। धर्म आराधना में भी संयम जीवन बिताते हुए उच्च स्थान की प्राप्ति होती है। परमात्मा के जन्म कल्याणक से हमें यही शिक्षा देता है। आज हम जन्म दिन तारीख पर मनाते जबकि तिथि के अनुसार मनाया जाना चाहिए।

उक्त विचार छत्रपति नगर स्थित दलालबाग में आयोजित सात दिवसीय पंचकल्याणक महोत्सव के दौरान मुनिश्री विमल सागर जी महाराज ने सभी श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। शुक्रवार को मुनिश्री ने जन्म कल्याणक पर प्रवचनों की अमृत वर्षा की तो वहीं दोपहर में तप कल्याणक का महत्व बताया। शुक्रवार को बड़ी संख्या में पहुंचकर समाज बंधुओं ने प्रवचनों का लाभ लिया।

श्री आदिनाथ दिगंबर जैन धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट एवं पंचकल्याणक महोत्सव समिति मुख्य आयोजक सचिन सुपारी ने बताया कि शुक्रवार को मुनिश्री विमल सागर एवं अनन्त सागर महाराज के सान्निध्य एवं प्रतिष्ठाचार्य विनय भैय्या, अनिल भैय्या, अमित जैन (वास्तुविद) के निर्देशन में सुबह पात्र शुद्धि, अभिषेक, शान्तिधारा, नित्यमह पूजन, जन्म कल्याणक पूजन, शांति हवन की विधियां संपन्न की गई। दोपहर 12 बजे राज्याभिषेक, भेंट समर्पण, महामण्डलेशवर नियुक्ति, सेनापति नियुक्ति , षट्कर्म उपदेश, दण्डनीति, ब्राह्मी-सुंदरी को शिक्षा, नीलाज्जना नृत्य, लौकान्तिक देवागमन, दीक्षा कल्याणक संस्कार विधि की गई। वही शाम 7 बजे सैकड़ों समाज बंधुओं की उपस्थिति में संगीतमय महाआरती, शास्त्र प्रवचन के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं भरत महाराज का राजदरबार नाटक को पात्रों द्वारा मंचित किया गया। शुक्रवार को शांतिधारा के लाभार्थी अमित जैन (बेगमगंज) एवं विशाल-विक्की जैन (जैन परिवार अरिहंत पैलेस) थे। महोत्सव में प्रकाशचंद्र जैन, राजेश जैन दद्दू, रमेशचंद्र जैन, राजकुमार रसिया, डॉ. जितेंद्र जैन, रमेशचंद्र जैन (51नंबर स्कीम), कमल चैलेंजर, भूपेंद्र जैन, जिनेश जैन सहित हजारों की संख्या में समाज बंधु उपस्थित थे।

रविवार 24 मार्च को पंचकल्याणक महोत्सव में ज्ञान कल्याणक महोत्सव मनाया जाएगा वहीं शाम 7.30 बजे विद्या सागर महाराज के जीवन पर आधारित लेजर शो का आयोजन होगा। रविवार 25 मार्च को मोक्ष कल्याणक महोत्सव के साथ पंचकल्याणक महोत्सव का समापन होगा। समापन पर पांच फीट की श्वेत वर्ण पाषाण की मुनि सुव्रतनाथ भगवान की प्रतिमा के साथ ही अन्य 15 तीर्थंकरों की प्रतिमा भी छत्रपति नगर स्थित नूतन जिनालय में विराजित की जाएगी।

यह हैं महोत्सव के मुख्य पात्र

रोहित-पारूल रसिया (सौधर्म इंद्र), अतुल-प्रिया जैन (माता-पिता), विपुल-नीलम बांझल (धनपति कुबैर), सत्येंद्र-रागिनी जैन (महायज्ञनायक), विधि यज्ञनायक (नवीन-शिल्पी जैन), सचिन-स्वीटी जैन (राजा श्रेंयास), दिलीप-सारिका जैन (राजा सोमा) को पंचकल्याणक महोत्सव में मुख्य पात्र बनाए गए हैं। वहीं इसी के साथ 600 इंद्र-इंद्राणी प्रतिदिन पंचकल्याणक महोत्सव में सभी विधियां प्रतिष्ठाचार्यों के निर्देशन में संपन्न कर रहे हैं।