इंदौर (Indore News) : इंदौर का सहकारिता विभाग रिश्वतखोरों का सबसे बड़ा अड्डा बन गया है अभी 2 महीने पहले ही एक निरीक्षक को लोकायुक्त ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था और उसके बाद प्रदेश के सहकारिता मंत्री ने 11 निरीक्षकों के तबादले यहां से कर दिए थे और उन्होंने कहा था कि सालों से जमे अन्य कर्मचारियों को भी हटाया जाएगा ।
लेकिन इसी बीच आज संतोष जोशी नामक एक सहकारिता इंस्पेक्टर ने रिश्वतखोरी का एक नया कारनामा कर दिखाया शुभ क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटी के चुनाव को लेकर संतोष जोशी द्वारा ₹20000 की रिश्वत की मांग की गई थी। सोसायटी के पदाधिकारियों ने लोकायुक्त में संपर्क किया और लोकायुक्त द्वारा ₹10000 लेकर संतोष जोशी के पास भेजा गया जैसे ही संतोष जोशी ने रुपए लिए लोकायुक्त की टीम ने उसे धर दबोचा ।
कुल मिलाकर ऐसा लगता है कि इंदौर के सहकारिता विभाग में सरकारी कर्मचारी नहीं बल्कि रिश्वतखोर बैठे हुए हैं और वे दिन-रात रिश्वत मांगने का ही काम करते हैं। मात्र 2 महीने में दो निरीक्षक रिश्वत लेते हुए पकड़े गए हैं इससे जाहिर होता है कि सहकारिता विभाग भ्रष्टाचार का कितना बड़ा अड्डा बन गया है। इसके पहले यहां पर एक उपायुक्त ने भी एक कारनामा किया था उसने यही कि एक अन्य महिला कर्मचारी को अश्लील मैसेज भेजे थे। इस मामले में पुलिस रिपोर्ट भी हुई और पता चला है कि अभी भी उपायुक्त की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है ।