जिसने अपना कर्म संभाल लिया उसने अपना परलोक संभाल लिया : पूज्य प्रेमभूषण महाराज

Share on:

इदौर। कर्मो का फल कभी भी नाश नही होता इसलिए अच्छे कर्म करते रहे और भगवत भक्ति करते रहे। जिसने अपना कर्म सभाल लिया उसने अपना परलोक भी संभाल लिया। जो जैसा कर्म करेगा उसको वैसा फल मिलेगा। यह बात सांवेर मे मंत्री तुलसी सिलावट के मार्गदर्शन मे आयोजित श्री राम कथा के अंतिम दिन पूज्य प्रेमभूषण महाराज ने कही।

राजा बने सभी ने स्तुति की

आपने बताया कि किस प्रकार राजपाट संभालने के बाद राजा राम ने अयोध्या वासियों को बुलाया और भक्ति करने के लिए कहा। पूज्य प्रेमभूषण जी महाराज ने आज अलग अलग प्रसंगों का वर्णन किया और कई भजन भी सुनाए। आपने जीवन किस प्रकार से धर्ममय हो इस संबंध मे कई बातें बताई । आपने कहा कि जीवन मे जो वस्तु जितने महत्वपूर्ण भाव से मिले उसका उतना आदर करना चाहिए। माता पिता निमित्त है इस शरीर के परतु यह मनुष्य शरीर बड़े भाग्य से मिलता है और जीवन मे समय का सदुपयोग करना हमारे हाथ मे है इस कारण इस समय का उपयोग भगवत भक्ति मे करिए। आपने कहा कि परलोक, इहलोक से लेकर वेद पुराण भी कहते है प्रभु श्री राम की भक्ति करे। क्योकि जब हम नही थे तब भी संसार था और आगे भी रहेगा हमारे हाथ मे क्या है धर्ममय जीवन जीना सत्कर्म करना और शुद्ध मन रखना। आपने कहा कि प्रभु श्री राम जी ने भी कहा है कि जो मन से निर्मल है वही मुझे भाता है अपने मन को निर्मल बनाए और भक्ति करे। मनुष्य का स्वभाव है जब तक दुखी नही होता तब तक भजन नही करता। जैसे हम स्वयं नित्य अपना भोजन खुद करते है वैसा ही भगवान का भजन भी हमे ही करना है वह करने के लिए कोई और नही आएगा।

बहुत सुदर तरीके से शबरी प्रसंग बताया

श्री प्रेमभूषण जी महाराज ने शबरी प्रसंग बताते हुए कहा कि माँ शबरी के गुरु ने उन्हे कहा था कि प्रभु श्री राम आएगे पर कब आएंगे यह नही बताया। बस यही कहा था कि नित्य यह पाच कार्य करते रहना और ऐसे कार्य करना जैसे राम जी आज ही आने वाले हो। शबरी मा रोजाना साफ सफाई करती, आश्रम मे फल फूल पानी की व्यवस्था करती और आश्रम मे आने वाले मार्ग को रोजाना फूलों से सजाती थी। आपने कहा कि हमारे जीवन मे भी तैय्यारी होना चाहिए प्रभु के दर्शन कभी भी हो सकते है। भाव शुद्ध हो तो प्रभु के दर्शन हो सकते है। जैसे ही प्रभु श्री राम अपने भाई लक्ष्मण जी के साथ आए तब शबरी उनके चरणों मे लिपट गई। आपने कहा कि जिनमे कम बुद्धि होती है वह भक्ति मे अच्छे क्योंकि वे होशियारो की तरह तर्क कुर्तक नही करते। होशियार व्यक्ति हर समय उलझन मे पड़ा रहता है। अन्न, मन और जीवन मे निर्मलता रहना चाहिए तभी भक्ति होती है। किस प्रकार से प्रभु श्री राम ने नवधा भक्ति को मा शबरी को बताया इसका महाराज जी ने सुदर वर्णन किया। आपने कहा कि जीवन मे आनद मे रहने का प्रयास करे।

Also Read : उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने अपने पद से दिया इस्तीफा, CM केजरीवाल ने दी मंजूरी

कथा के समापन अवसर पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी का वीडियो संदेश भी प्रसारित किया गया। मंत्री तुलसी सिलावट ने आभार प्रदर्शन किया। राम कथा के अंतिम दिन मंत्री कमल पटेल, मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, सुरेश धाकड़ सांसद सुमेर सिह प्रदीप मिश्रा, गुमान सिंह डामोर सांसद रतलाम झाबुआ आईडीए के पूर्व अध्यक्ष मधु वर्मा कलेक्टर इंदौर इलैयाराजा टी और सीएमडी एमपीईबी अमित तोमर उपस्थित थे। इस अवसर पर बड़ी संख्या मे श्रद्धालु गण उपस्थित थे।रामकथा के समापन पर भंडारे का भी आयोजन किया गया।