नई दिल्ली। कोरोना काल के चलते इस साल हर एक त्यौहार फीका दिखाई दिया। इसी कड़ी में आज विजयदशमी के शुभ अवसर पर उत्तराखंड में रावण दहन की सालों से चली आ रही परंपरा टूट गई है। इस साल बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाये जाने वाले विजयदशमी त्योहार नहीं मनाया गया। प्रदेश के परेड ग्राउंड और बन्नू स्कूल में इस बार पुतला दहन के कार्यक्रम आयोजित नहीं हो पाए। जिसके चलते इस बार दशहरा का भी उत्साह काफी फीका रहा।
दरअसल, प्रदेश सरकार ने परेड ग्राउंड में चल रहे विकास कार्यों की वजह से पुतला दहन की अनुमति नहीं दी। साथ ही, बन्नू स्कूल में भी कार्यक्रम में लोगों की मौजूदगी 50 व्यक्ति तक सीमित रखने के आदेश दिए गए थे। जिस वजह से नाराज बन्नू बिरादरी समिति के लोगों ने कार्यक्रम का आयोजन ही रदद कर दिया है। साथ ही, हरिद्वार तथा प्रदेश में अन्य जगहों पर भी कोविड 19 के कारण पुतला दहन के कार्यक्रम नहीं आयोजित किए गए।
वही, मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने कहा कि, भाजपा ने सनातनी परंपरा को तोड़कर जन भावनाओं को आहत किया है। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहाकि हिंदू धर्म का ठेका उठाने वाले लोगों के राज में इतिहास में पहली बार इस महान पर्व पर सनातनी परंपराएं तोड दी गयीं और इससे जनभावनाएं बुरी तरह आहत हुई हैं।