खाद्य तथा औषधि विभाग के अधिकारी सरकार की नहीं दुकानदारों की नौकरी करते हइंदौर में खाद्य तथा औषधि विभाग का एक कार्यालय है इस विभाग के अधिकारी और इंस्पेक्टर अपने शासकीय कर्तव्यों के प्रति न केवल लापरवाह है बल्कि उनके कामों से ऐसा प्रतीत होता है कि वे सरकार की नहीं बल्कि दुकानदारों की नौकरियां करते हैं।
इस विभाग का दायित्व है कि खाद्य वस्तुओं के मामले में जहां भी नियमों की अवहेलना हो रही है वहां पर कार्रवाई करें लेकिन ऐसा कुछ भी होता नहीं है उदाहरण के लिए सरकार ने यह नियम बनाया था कि कचोरी तथा समोसे के साथ ही अन्य वस्तुएं जो तलकर बेची जाती है उनमें जिस तेल का इस्तेमाल किया जाता है इसे बार बार उपयोग में नहीं लिया जाएगा क्योंकि इसकी वजह से तेल जहरीला हो जाता है और वह स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक होता है।
लेकिन इस नियम के बनने के बाद से इंदौर शहर में एक भी कचोरी समोसे के दुकानदार के यहां इस बात की जांच नहीं की गई की वे तेल का उपयोग कितनी बार कर रहे हैं कुल मिलाकर तोड़ तरीका पुराना ही चल रहा है लेकिन अधिकारियों ने इस पर ध्यान देना बंद कर दिया कहा जाता है कि इसके एवज में दुकानों से वसूली भी होती है इसके अलावा खुले में खाद्य पदार्थ बिकते हैं जिनमें धूल उड़ती है गंदगी होती है और यही वजह है कि इंदौर में संक्रामक बीमारियां लगातार फैलती चली जा रही है लेकिन इस विभाग की सक्रियता कहीं भी नजर नहीं आती