आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वैदिक शास्त्र में ग्रहों के राशि में गोचर या का भ्रमण का बेहद ही खास महत्व होता है। सभी 9 ग्रह एक निर्धारित समय के लिए अलग अलग राशि में भ्रमण करते हैं। वैदिक एस्ट्रोलॉजी में ग्रह का अस्त होना एक बहुत ही अहम घटना मानी जाती है। यहां प्रत्येक साल, कुछ दिनों के लिए आसमान में कोई न कोई ग्रह दिखाई नहीं देता है। उसे ग्रह का अस्त होना कहा जाता है। साथ ही इनका पॉजिटिव और नेगेटिव असर से भी सभी राशियों में परिवर्तन दिखाई देता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, बुध ग्रह मेष राशि में अस्त होने जा रहे हैं, जिसका शुभ और अशुभ प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। आइए जानते हैं…
मेष राशि
यहां मेष राशि वाले जातकों के लिए बुध ग्रह का अस्त होना काफी ज्यादा शुभ माना जा रहा है। इस बीच आपको परिश्रम के मुताबिक फल प्राप्त होगा। इसी के साथ ही जो छात्र प्रतिस्पर्धी एग्जाम की प्रिपरेशन कर रहे हैं, तो उन्हें भी करियर में या एजुकेशन फील्ड में बड़ी सक्सेस प्राप्त हो सकती है। बिजनेस और जॉब के लिए नए प्लान पर काम प्रारंभ किया जा सकता है। आपके सेल्फ कॉन्फिडेंस में भी काफी हद तक वृद्धि होने के संकेत मिल रहे हैं।
मिथुन राशि
यहां पर मिथुन राशि वाले जातकों को भी बुध ग्रह के अस्त होने की अवधि के चलते कई गुना ज्यादा फायदा मिलने की आशंका जताई गई है। इस बीच कार्यस्थल से संबंधित कार्य में सक्सेस हासिल हो सकती है। इसी के साथ ही आपकी कठिन मेहनत के मुताबिक सर्व श्रेष्ठ फल मिलने का अनुमान भी जताया गया है। बिजनेस फील्ड में भी नई स्कीमों पर कार्य प्रारंभ किया जा सकता है, जिससे सक्सेस प्राप्त होगी।
कन्या राशि
यहां पर कन्या राशि वाले के जातकों को भी बुध ग्रह के अस्त होने के कालचक्र में लाभ हासिल हो सकता है। इस बीच समाज में आपकी मान प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होगी। साथ ही साथ शेयर मार्केट में किए गए इन्वेस्ट से आपको प्रॉफिट मिल सकता है। बिजनेस श्रेणी को सूझ बुझ के साथ इन्वेस्ट करने की राय दी जाती है। साथ ही इस बीच की गई मेहनत का पॉजिटिव फल आपको फ्यूचर में अवश्य ही प्राप्त होगा।