इस दिन मनाई जाएगी मार्गशीर्ष मास की आखिरी विनायक चतुर्थी, भगवान श्री गणेश को प्रसन्न करने के लिए इस खास विधि से करें पूजा, मिलेगा छप्परफाड़ धन

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Vinayak Chaturthi December 2023: हिंदू पुरातन धर्म में प्रभु श्री गजानन की विशेष पूजा और अर्चना की जाती हैं। जैसा की सभी जानते हैं कि भगवान प्रथम पूजनीय गणराज को पूजे बिना कोई मंगल या शुभ काम गतिशील या शुभ नहीं माना गया हैं। वहीं इनकी आराधना या पूजा किए बिना किसी भी भगवान या माता की पूजा सम्पूर्ण नहीं मानी जा सक ती है। ऐसी हिंदू मान्यता है कि जब तक श्री गणेश की उपासना न की जाए कोई भी देवता या माता इस मनुष्य की पूजा को कदाचित भी नहीं अपनाता हैं। इसलिए सर्व प्रथम इनकी उपासना की जाती है और यही वजह है कि इन्हें सब देवों में प्रथम पूज्य देवता भी कहा जाता है।

यहां बात करते हैं इनके दिन और तिथि की तो इन्हें बुधवार का दिन अतिप्रिय हैं। साथ ही गणराज इस दिन विशेष पूजा करना भी अत्यंत शुभ फलदायी माना गया हैं। गणाधीश की सबसे पसंदीदा तिथि चतुर्थी है। जहां प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में चतुर्थी तिथि आती है जो गणेश जी की असीम कृपा पाने के लिए श्रेयस्कर मानी जाती है। इस बार मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष और वर्ष 2023 कि अंतिम विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी। चलिए जानते हैं चतुर्थी का शुभ मुहूर्त।

मार्गशीर्ष मास विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त

  • विनायक चतुर्थी – 16 दिसंबर 2023 शनिवार

     

  • चतुर्थी तिथि की शुरुआत – 16 दिसंबर 2023 दिन शनिवार प्रभात 10 बजकर 30 मिनट से शुरू।

     

  • चतुर्थी तिथि समाप्त समय – 17 दिसंबर 2023 दिन इतवार रात 8 बजकर 16 मिनट पर खत्म।

     

  • विनायक चतुर्थी पूजा का मुहूर्त – 16 दिसंबर 2023 दिन शनिवार को सुबह 11 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर 1बजकर 19 मिनट तक।

     

  • पूजा अवधि – पूजा की संपूर्ण अवधि 2 घंटा 4 मिनट तक रहेगी।

जानें चतुर्थी की पूजा का सही नियम

  • आपको बता दें कि विनायक चतुर्थी के दिन प्रभात के समय ब्रह्म मुहूर्त में जाग कर स्नान आदि करें।

     

  • उसके पश्चात स्वच्छ कपड़े धारण करें, फिर विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश के समक्ष विनायक चतुर्थी के उपवास का प्रण लें।

     

  • इसके पश्चात एक आसान पर लाल या पीला वस्त्र बिछा कर उस पर प्रभु श्री गणेश की प्रतिमा को स्थापित कर दे।

     

  • फिर श्री गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करने के बाद कुमकुम, चावल, दूर्वा,मैवे-मिष्ठान, रोली, गेंदे का फूल, इत्र इत्यादि पूजा की वस्तुएं में सम्मिलित कर उनको समर्पित करें।

     

  • यहां पूजा सामग्री चढ़ाने के बाद गणपति महाराज को दूब दिखा कर उनकी विशेष पूजा अर्चना करें। पूजा के बीच श्री गणेश की मूर्ति के समक्ष एक गाय के घृत का दीप अवश्य लगाएं।

     

  • फिर पूजा खत्म होने के बाद भगवान गणेश को हाथ जोड़कर प्रणाम करें। फिर उनका विशेष आशीष प्राप्त करें। ऐसा करने से वह आपकी सभी इच्छाएं पूर्ण करेंगे। विनायक चतुर्थी के दिन सुबह के समय जल्द उठकर भगवान गणेश की आरती जरूर करें।

ये 2 चीजें भगवान गणेश को हैं अति प्रिय

भगवान गणेश को जल्द प्रसन्न करने के लिए उन्हें उनके प्रिय भोग लड्डू का प्रसाद चढ़ाना न भूलें।