साल का आखिरी सुपरमून 24 जून को आसमान में होगा। ऐसे में इस दिन आसमान का नजारा काफी खूबसूरत होगा। बताया जा रहा है कि इस सुपरमून को स्ट्रॉबेरी मून नाम दिया गया है। क्योंकि उत्तरी अमेरिका में इन दिनों स्ट्रॉबेरी चुनने का मौसम है। इसको लेकर NASA ने बताया है कि बुधवार को तड़के सुपरमून नजर आने लगेगा। अगले दिन यह सबसे ज्यादा ऊंचाई पर होगा।
आपको बता दे, जैसे पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है वैसे ही चांद भी धरती की परिक्रमा करता है और इस दौरान पृथ्वी के सबसे करीब होता है। जिसके चलते सुपरमून बाकी पूर्णिमा वाले चांद से ज्यादा बड़ा और खूबसूरत दिखाई देता है। दरअसल, स्प्रिंग के आखिरी फुल मून को ही स्ट्रॉबेरी मून कहते हैं।
इसके अलावा इसे ब्लूमिंग मून, ग्रीन कॉर्न मून, होएर मून, बर्थ मून, एग लेयिंग मून, हैचिंग मून, हनी मून और मीड मून के नाम से भी जाना जाता है। बता दे, जून में आमतौर पर शादियां ज्यादा होती हैं। इस वजह से इसे ‘हनी मून’ भी कहा जाता है। ख़बरों के अनुसार, स्ट्रॉबेरी मून गुरुवार को गुलाबी दिखने की बजाय सुनहरे रंग का दिखेगा।
वहीं शनिवार तक चांद ऐसी ही छटा बिखेरेगा। जिसके चलते चांद के साथ-साथ शुक्र और मंगल ग्रह भी आसमान में दिखाई देंगे। खास बात ये है कि साल 1930 में मेन फार्मर अलमेनक ने चांद के नाम छापने शुरू किए थे। जिसके बाद से ही अप्रैल का फुल मून पिंक मून कहलाता है। पिंक मून का नाम अमेरिका में पाए जाने वाले एक पौधे के नाम पर रखा गया है।
बता दे, स्ट्रॉबेरी मून का नाम प्राचीन अमेरिकी जनजातियों से नाम मिला है। इन्होने स्ट्रॉबेरी के लिए कटाई के मौसम की शुरुआत के साथ पूर्णिमा को चिह्नित किया था। साथ ही यूरोप में स्ट्रॉबेरी मून को रोज मून कहते हैं, जो गुलाब की कटाई का प्रतीक है। उत्तरी गोलार्ध में इसे गर्म चंद्रमा भी कहते हैं क्योंकि यह भूमध्य रेखा के उत्तर में गर्मी के मौसम की शुरुआत करता है।