देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में ‘जैन अध्ययन केंद्र’ की स्थापना इंदौर के साथ, मालवा-निमाड़ को नई पहचान देगा

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• जैन धर्म की संस्कृति एवं धरोहर के संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा

• प्रधानमंत्री जी के पंच प्रण की प्रेरणा से मिली ‘जैन अध्ययन केंद्र’ की सौगात

• ‘विरासत भी, विकास भी’ की परिकल्पना को साकार कर रहे हैं प्रधानमंत्री जी

इंदौर, 14 मार्च 2024

मध्य प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर विकास में विश्वास रखने का पर्याय है। परिवर्तन को प्रतिबद्धता की तरह स्वीकार करने का संकल्प ही इंदौर के विश्वास को भी मजबूती देता रहा है। इंदौर के सर्वांगीण विकास में जहां जैन समुदाय का निर्णायक योगदान रहा है, वहीं धर्म और दर्शन के साथ आध्यात्मिक आभामंडल में भी जैन-परंपरा प्रभावी भूमिका रही है। भूमिका और भागीदारी का यह नया प्रवाह अब देश के प्राचीन विश्वविद्यालय देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में भी दिखाई देगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की पंच प्रण से प्रेरणा प्राप्त कर मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में 25 करोड़ की लागत से ‘जैन अध्ययन केंद्र’ की स्थापना होगी। ‘जैन अध्ययन केंद्र’ की स्थापना से मध्यप्रदेश के साथ देशभर में जैन धर्म की संस्कृति एवं धरोहर के संरक्षण-संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा।

भाजपा मध्य प्रदेश के सह मीडिया प्रभारी दीपक जैन “टीनू” ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ‘‘विरासत से विकास और विरासत से संवर्धन‘‘ का कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा और प्रयासों का ही परिणाम है कि केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा इंदौर के देवी अहिल्या विश्व विद्यालय में ‘जैन अध्ययन केंद्र’ की स्थापना का निर्णय लिए है। इस दिशा में इंदौर के विश्वविद्यालय में ‘जैन अध्ययन केंद्र’ के साथ गुजरात विश्वविद्यालय में 40 करोड़ की लागत से ‘‘जैन पांडुलिपि विज्ञान केंद्र‘‘ स्थापित करने का निर्णय ऐतिहासिक कार्य है। इन केंद्रों के माध्यम से जैन दर्शन के विकास, पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण के माध्यम से भाषा के संरक्षण, सामुदायिक जनसंपर्क को प्रोत्साहन तथा जैन धर्म की अपभ्रंश और प्राकृत भाषा के विकास के लिए शिक्षण सहायता मिलेगी।

दीपक जैन “टीनू” ने बताया कि मालवा-निमाड़ क्षेत्र के लाखों बच्चे उच्च शिक्षा के लिए इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में आते हैं। गुणवत्तापूर्ण अध्ययन के लिए देशभर में अपनी अलग पहचान रखने वाला यह विश्वविद्यालय अब शिक्षा के साथ-साथ जैन धर्म और दर्शन के शोध के क्षेत्र में भी नई उपलब्धियां को प्राप्त करने के लिए अग्रसर होगा। दीपक जैन “टीनू” ने प्रधानमंत्री जी का आभार जताते हुए यह भी बताया कि इंदौर को यह उपलब्धि तब हासिल हुई है जब भगवान महावीर स्वामी का 2550वां निर्वाण वर्ष मनाया जा रहा है। यह केंद्र ‘विरासत भी, विकास भी’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में भूमिका महत्वपूर्ण निभाएगा।