युवा पीढ़ी की नशे की आदत एवं चरित्र से गिरना देश के लिए अभिशाप – संत बाबा उमाकान्त महाराज

Deepak Meena
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इन्दौर : युवा पीढ़ी किसी भी देश की नींव होती है। जिस तरह से एक इमारत बिना मजबूत नींव या आधार के खड़ी नहीं रह सकती है, उसी तरह से कोई भी देश योग्य, कुशल एवं समर्पित युवाओं के बिना जीवित या प्रगति नहीं कर सकता है। आज युवा पीढ़ी का धर्म, संस्कृति व संस्कार से भटकाव होना देश के लिए अभिशाप का कारण बन सकता है। उक्त विचार रविवार को धार रोड़ नावदा पंथ स्थित संत उमाकान्त महाराज आश्रम पर दो दिवसीय मुक्ति दिवस के समापन अवसर पर प्रवचनों की अमृत वर्षा करते हुए संत उमाकान्त महाराज ने अनुयायियों को संबोधित करते व्यक्त किए। उन्होंने आगे अपने प्रवचन में सभी अभिभावकों चेताया कि वह अपने युवक-युवतियों की गतिविधियों पर नजर रखें ताकि वह किसी भी बुरी संगति में न पढ़ सके। प्रवचन के पश्चात संत उमाकांत महाराज ने सभी गुरु भक्तों को नामदान भी दिया।

नशे से बढ़ रहा पागलपन

संत उमाकान्त महाराज ने प्रवचन में कहा कि युवा पीढ़ी में नशे का चलन आज कल खूब बढ़ रहा है। युवा पीढ़ी शराब, सिगरेट सहित अन्य नशे के गिरफ्त में आ रही है। इस पर अभिभावकों को ध्यान देने के साथ ही इस पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है। नशे का सेवन करने से बुद्धि भ्रष्ट हो जाती हैं जिससे युवाओं पर पागलपन हावी हो जाता है। युवाओं में मानवता,देशभक्ति,देशप्रेम, माता-पिता से प्रेम खत्म हो जाएगा। अतः युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखने व उन पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी अभिभावक की है।

देश की संपत्ति को अपना समझो, हड़ताल, तोडफ़ोड़, आगजनी मत करो, निंदा मत करो*

राज के धर्म नियम कानून का पालन करो, अधिकारी कर्मचारी के काम में बाधा मत डालो। दिन-रात आपकी रक्षा में लगे रहते, कानून बनाए रखने के लिए बहुत मेहनत करते हैं। तो हो सके तो उनका सहयोग कर दो। देश की, देश की रक्षा करो। देश की संपत्ति को आप अपनी संपत्ति समझो। इसका नुकसान न होने पावे। यह खून पसीने के धन से कमाई गई, तैयार की गई है। इसको बर्बाद मत करो, तोडफ़ोड़ आंदोलन आगजनी मत करो। समाज देश में रहने वाले लोगों का यह धर्म है। किसी भी धर्म की, धार्मिक मजहबी किताब की, हिंदू मुसलमान सिख इसाई की, किसी भी राजनेता की निंदा मत करो। यह भी एक धर्म बनता है। निंदा करने से एक-दूसरे के पाप के भागीदार बन जाना पड़ता है। इससे दूर रहो।

गुरू दक्षिणा में मांगी गुरू भक्तों की बुराईयां

महाराज जी ने लोक परलोक बनाने वाले एवं जीते जी ईश्वर का दर्शन कराने वाले नाम दान देने के बदले गुरु दक्षिणा में भक्तों से बुराइयां मांगी और कहा यह सबसे बड़ी आपकी दक्षिणा होगी कि आपकी वजह से किसी भी जीव की हत्या नहीं होनी चाहिए। क्योंकि जीव हत्या, आत्महत्या करना बहुत बड़ा पाप होता है इसलिए इस पाप से बचने के लिए आप अपना विचार करो कि हम कैसे बचेंगे। इसलिए आप लोग शाकाहारी रहना,अंडा,मांस,मछली का सेवन मत करना, कोई ऐसा नशा मत करना जिससे बुद्धि पागल हो जाये और माँ,बहन,बेटी की पहचान आंखों से खत्म हो जाये।इन बुराइयों को आप यही छोड़ जाओ।

जयगुरुदेव नाम धुनि से दूर होंगे कष्ट

महाराज जी ने जयगुरुदेव नाम की महिमा बताते हुए कहा कि ये इस वक्त का जगाया हुआ नाम है जिसमे उस ईश्वर की पूरी शक्ति है जो भी व्यक्ति शाकाहारी,सदाचारी,नशामुक्त रहकर सुबह-शाम घर में जयगुरुदेव नाम धुनि बोलेगा उसे कुछ ही दिनों में घर में, आमदनी में, बीमारियों में फायदा दिखने लगेगा।

30 हज़ार से ज्यादा भक्त और अनेक भंडारे

बाबा जयगुरूदेव संगत अध्यक्ष महेश लिखार एवं भगवान शर्मा ने बताया कि बाबा उमाकान्त जी महाराज के सतसंग और दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से हजारों भक्तों का आगमन हुआ, जिनकी व्यवस्था आश्रम में ही की गई थी। इंदौर, देवास, रतलाम, धार संगतों द्वारा भोजन भंडारों का संचालन किया गया। इसके साथ-साथ चिकित्सा, जल प्रदाय, खोया-पोया केंद्र, पार्किंग, पूछताछ कार्यालय सहित शौचालयों की चाक चौबन्ध व्यवस्था संगत के सेवादारों द्वारा की गई। इस दौरान महाराज जी द्वारा बराबर आने वाले भक्तों को दर्शन एवं उनकी समस्याओं का समाधान भी किया गया ।