निगम के फर्जी बिल महाघोटाले ने हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे के साथ पेश की ‘कौमी’ एकता की मिसाल

Shivani Rathore
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सोशल मीडिया पर भक्त मंडली भले ही 24 घंटे हिन्दू-मुस्लिम की ढपली बजाते मुस्लिमों से फल सब्जी न खरीदने.. पंचर भी न पकवाने की सलाह देती हो.. वही चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री भी सार्वजनिक मंचों से मुस्लिमों पर सब कुछ लुटा देने के आरोप कांग्रेस पर खूब लगाते रहें… मगर दूसरी तरफ़ इसके उलट पिछ्ले 20 सालों से भाजपा के कब्जे वाली इंदौर नगर निगम ने कौमी एकता की अनूठी और नई मिसाल पेश की है…

उसके फर्जी बिल महाघोटाले में लिप्त आधे से ज्यादा ठेकेदार मुस्लिम बिरादरी के है जिनकी हिन्दू ठेकेदारों के साथ जबरदस्त सांठगांठ रही… जिसमें निगम में पदस्थ हिन्दू अधिकारियों और कर्मचारियों ने भरपूर साथ देते हुए 125 करोड़ रुपए से अधिक के फर्जीवाड़े करवा दिए…यानी माल कूटने में जाति-धर्म न तो आड़े आता है और न उससे कोई परहेज है… हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे की तर्ज पर सभी ने साथ मिलकर भ्रष्टाचार की गटर गंगा में भरपूर डूबकियां लगाईं… यह उदाहरण सिर्फ इंदौर निगम का ही नहीं है, बल्कि जमीनों से लेकर हर धंधे में नजर आता है…

इंदौर निगम की जिन बोगस फर्मों ने कागजी बिल बनाकर करोड़ों रुपए हड़पे उनके कर्ताधर्ताओं पर नजर दौड़ाई जाए तो यह साफ हो जाता है कि इससे बढ़कर गंगा-जमुनी तहजीब का उदाहरण और कहीं नहीं देखने को नहीं मिल सकता … निगम ने शुरुआत में जिन 5 फर्मों के खिलाफ एमजी रोड थाने पर एफआईआर दर्ज करवाई , उनमें से तीन फर्मों नींव कंस्ट्रक्शन, ग्रीन कंस्ट्रक्शन और किंग कंस्ट्रक्शन के कर्ताधर्ता मदीना नगर निवासी मोहम्मद साजिद, सिद्दीकी और जाकिर हैं तो 2 अन्य फर्में क्षितिज और जाह्नवी इंटरप्राइजेस रेणु और राहुल वडेरा की है… सालों तक निगम के करोड़पति और चर्चित बेलदार असलम खान का जलवा हर विभाग में रहा और आज भी उसके काम होते है..उसकी भी लिंक इस महाघोटाले में अप्रत्यक्ष मिली…

उसके भाई एहतेशाम उर्फ एजाज खान की मेट्रो कंस्ट्रक्शन, एवन इंटरप्राइजेस और अल्फा नामक फर्में है तो माँ बिलकिस खान की कॉस्मो इंजीनियरिंग इस फर्जीवाड़े में शामिल रही… इसी तरह केजीएन इन्फ्रास्ट्रक्चर- वली फेजान शेख, हनी इन्फ्रास्ट्रक्चर – साइबान शेख , डायमंड इंटरप्राइजेस- जाहिद खान, एनएन एंड ए एसोसिएट्स- नईम खान, क्रिस्टल इंटरप्राइजेस – इमरान खान तो एजाज के नौकर मौसम व्यास की ईश्वर इंटरप्राइजेस, निगम कर्मी सालवी की निशांत और गुरुकृपा, इसी तरह श्रीकांत भंवर की मातोश्री कंस्ट्रक्शन और राजेन्द्र शर्मा की आरएस इन्फ्रास्ट्रक्चर इस फर्जी बिल महाघोटाले की हिस्सेदार है..

हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की नज़ीर इन फर्मों को फायदा पहुंचाने वाले अभियंता अभय राठौर सहित जिन निगम कर्मचारियों को पुलिस ने अभी तक आरोपी बनाया, उनमें अधिकांश हिन्दू हैं तो निगम अधिकारी की कार की डिक्की से फाइलें चुराने वाला आशु खान फिलहाल फरार है…क्या अब भी आप इस अफवाह पर भरोसा करेंगे कि हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा नहीं रहा और गंगा-जमुनी तहजीब खत्म हो गई… कम से कम हमारे काबिल नगर निगम ने तो इस धारणा को सिरे से खारिज कर दिया है… आओ निगम गलियारे में गूंजने वाले अल्लामा इक़बाल के इस शेर को हम भी गुनगुनाएं…

मज़हब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम वतन , है हिन्दोस्ताँ हमारा !

@राजेश ज्वेल