कांग्रेसी बोलते गए निगम आयुक्त सुनती रहीं

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नगर निगम के करों में की गई बढ़ोतरी के विरोध में निगमायुक्त को ज्ञापन देने पहुंचे बड़ी संख्या में कांग्रेसियों को लगभग आधे घंटे तक निगमायुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल का सिटी बस आफिस में इंतजार करना पड़ा। निगमायुक्त के आने के बाद कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी, विशाल पटेल, संजय शुक्ला, पूर्व विधायक अश्विन जोशी शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल पूर्व नेता प्रतिपक्ष नगर निगम फोजिया अलीम ने पार्षदों और कांग्रेसी नेताओं के साथ निगमायुक्त से चर्चा की शुरुआत की। पूर्व विधायक अश्विन जोशी ने अंग्रेजी में कुछ शब्द बोल कर अपने पढ़े लिखे कांग्रेसी नेता होने का परिचय दिया ।

श्री जोशी ने कहा कि क्या ऐसा नहीं कर सकते कि अभी इन करो को स्थगित कर दें। उन्होंने कहा पहले ही जो कर लगे हैं उन्हें ही लोग नहीं भर पा रहे हैं। इस पर निगमायुक्त श्रीमती पाल ने कहा कि यह पूरे प्रदेश का मामला है। इसी बीच विधायक संजय शुक्ला ने माइक संभाला और कहा कि नल कनेक्शन के लिए ₹80 हजार लिए जा रहे हैं। श्री शुक्ला ने कहा कि स्टेट गवर्नमेंट से हमारी नगर निगम को 650 करोड़ रुपए लेना है। उक्त राशि क्यों नहीं ले रहे हैं। इसी बीच अश्विन जोशी ने फिर मोर्चा संभाला और कहा कि मैडम एमपी गवर्नमेंट को रिक्वेस्ट करें हम आए हैं इसलिए इन टैक्सों को रिवाइज करें। अश्विन ने यहां तक कह डाला कि पीपल विल कम ऑन रोड। इसी बीच पूर्व नेता प्रतिपक्ष फोजिया शेख अलीम भी अपनी बात कहने से पीछे नहीं रहीं।

उन्होंने निगम आयुक्त से कहा कि आप लोगों को झटका देते हैं आप स्वयं कह रहे हैं कि कचरे से हम कमा रहे हैं उसके बाद भी लोगों से कर क्यों ले रहे हैं और कर क्यों बढ़ा रहे हैं। फ़ौजिया ने कहा कि राशन कार्ड का रिन्यूअल और नया आयुष्मान कार्ड बनाने के समय भी कचरे की रसीद मांगी जाती है उन्होंने कहा कि यह सरकार गरीबों की दुश्मन है। हमने स्वच्छता में पूरा सहयोग दिया है नगर निगम में कैसा शासन चल रहा है ऐसा क्या हो गया है कि भोपाल जबलपुर उज्जैन को छोड़कर इंदौर में ही कर वृद्धि की गई है। निगम आयुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल ने इन्हें समझाने की कोशिश करते हुए कहा कि आपके संज्ञान में शायद नहीं है कि प्रदेश की सभी नगरीय निकायों में उक्त कर वृद्धि की गई है। कचरे पर हम प्रतिवर्ष 202 करोड़ और नर्मदा के पानी पर लगभग 320 करोड़ खर्च कर रहे हैं। कचरे की प्रोसेसिंग स्वीपिंग आदि का खर्च शामिल है श्रीमती पाल ने कहा कि जितनी अच्छी सुविधाएं चाहते हैं उसी दर से टैक्स भी लगते हैं। सभी नगर निगमों में यह दर बढ़ाई गई हैं ।

फोजिया ने फिर माइक संभाला और कहा कि नगर निगम बनिए की दुकान हो गई है इस बीच थोड़ी देरी से पहुंचे विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि इंदौर में ही इतना बढ़ा हुआ पैसा लिया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करती है हम रैली निकालेंगे और नगर निगम का असहयोग करेंगे । तभी खजराना क्षेत्र की तेजतर्रार पूर्व पार्षद रुबीना इकबाल ने मोर्चा संभालते हुए कहा मामा जी तो हजार रुपए करने वाले थे। रुबीना ने कहा कि दो बार स्वच्छता कर नहीं ले सकते हैं। रुबीना ने कहा कि राशन तो मोदी जी ने महंगा कर दिया है। उन्होंने कहा आप तो हमें माफ करो मामा अब विलेन लगने लगे हैं ।इस बीच देपालपुर के विधायक विशाल पटेल ने अपने विधानसभा क्षेत्र की बात रखते हुए कहा कि हमारे विधानसभा क्षेत्र में पेयजल की काफी समस्या है पानी नहीं आ रहा है फिर भी वाटर टैक्स देना पड़ता है। अंत में शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि ड्रेनेज पर तो अंग्रेजों के जमाने में भी टैक्स नहीं लगता था। अब शायद बाहर निकलने पर भी टैक्स लगने लगेगा।

बाकलीवाल ने कहा कि अब सड़क पर लड़ाई लड़ेंगे उन्होंने कहा कि सैनिटाइज करने में भी अब शुल्क लगने लगा है । नगर निगम भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। कांग्रेसियों द्वारा अपनी बात रखने के बाद बढ़े हुए करों को वापस लेने की मांग को लेकर एक ज्ञापन भी निगम आयुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल को दिया गया। निगम आयुक्त श्रीमती पाल ने बाद में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि 15 वे वित्त आयोग के तहत ही करों में सुधार किया गया है। खर्च और शहर की जनसंख्या के आधार पर उक्त कर वृद्धि की गई है। उन्होंने बताया कि कचरे पर प्रतिवर्ष लगभग 202 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं जबकि नर्मदा का जल महंगा पड़ता है और इस पर 320 करोड रुपए प्रतिवर्ष खर्च होता है ।इसी तरह सीवरेज पर वर्तमान में ₹35 करोड़ खर्च हो रहे हैं लेकिन अब इसमें वृद्धि होगी। निगमायुक्त ने स्पष्ट किया कि उक्त करो को होल्ड नहीं किया जाएगा कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल द्वारा दिए गए ज्ञापन को सक्षम प्राधिकारी को भेज दिया जाएगा।