गुजरात के सीएम ने महापौर से मुलाकात कर इंदौर की स्वच्छता व सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को सराहा

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गांधीनगर : यूनेस्को द्वारा घोषित वर्ल्ड हेरिटेज सिटी अहमदाबाद में जी-20 अंतर्गत शुक्रवार को शुरू हुई दो दिवसीय यू-20 मेयरल समिट (महापौर शिखर सम्मेलन) में देश-विदेश के प्रतिनिधियों सहित विशेष रूप से इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने समिट के दूसरे दिन क्लाईमेट फाइनेंस संबंधी विचार व्यक्त कर इंदौर शहर की स्वच्छता व सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सहित विभिन्न नवाचारों से अवगत् कराया।

गांधीनगर स्थित महात्मा गांधी मंदिर में इस दो दिवसीय यू-20 शिखर सम्मेलन की विधिवत् शुरुआत गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल व आवास व शहरी कार्य राज्यमंत्री कौशल किशोर ने की। सम्मेलन में दुनियाभर के 57 प्रतिनिधियों सहित भारत के 35 शहरों के प्रतिनिधि व प्रतिभागी भी शामिल हुए। इनमें 45 महापौर व उपमहापौर भी शामिल थे। महापौर भार्गव से मुलाकात के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री श्री पटेल ने भारत के सबसे स्वच्छ शहर के नाम से संबोधित करते हुए इंदौर नगर की प्रशंसा कर यहां के नवाचारों को भी सराहा।

उन्होंने इंदौर के स्वच्छता मॉडल पर सारगर्भित चर्चा के दौरान महापौर भार्गव द्वारा किए जा रहे नवाचारों का उल्लेख किया व वेस्ट मैनेजमेंट सहित ग्रीन बांड को लेकर जानकारी भी साझा की। सम्मेलन के दूसरे दिन शनिवार को महापौर भार्गव ने क्लाईमेट फायनेंस संबंधी विचार व्यक्त करते हुए कहा ये शहर, पूरे विश्व में, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का मॉडल है ।हम हर दिन, 600 मैट्रिक टन सॉलिड वेस्ट को प्रोसेस कर रहे हैं, जो कि अनेकों फैक्टरीस और इंडस्ट्रीज मैं ऊर्जा के स्त्रोत की तरह उपयोग किया जा रहा है। हम हर दिन लगभग 550 मैट्रिक टन गीले कचरे (वेट वेस्ट) से बायोगैस उत्पन्न कर रहे हैं। 600 मेगा वॉट बिजली की आपूर्ति के लिए हमने एक प्लान शुरू किया है हर घर सोलर अभियान जिसकी वजह से हमें जनता की सहभागिता मिल रही है. पर सबसे बड़ी चुनौती लोगों की बुनियादी परेशानियों को प्राथमिकता देकर सुलझाना होगा।

आज कल ऐसे कई फोरमस् है जो हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी) के क्षेत्र में मदद करने के लिए तैयार है पर अगर ऊर्जा उत्पत्ति को लोगों की इन बुनियादी परेशानियों के साथ जोड़कर सोचा जाए तो ये इस अभियान की सफलता के लिए कारगर साबित होगा. अगर मैं भारतीय शहरों की बात करूँ मैं समझता हूँ कि क्लाइमेट फाइनेंसिंग की बुनियाद शहरों से ही रखी जा सकती है, ये ही बुनियादी आइडिया हैं क्लाइमेट फाइनांस को तेजी से बढ़ाने का. अगर मैं इंडिया की बात करूँ तो बेहतर होगा कि फाइनेंसिंग इन्स्टिट्यूशन्स ऐसे प्लान के साथ आगे आये जिसमें शहरों को स्टेट की गारंटी की आवश्यकता ना हो. जैसे ही स्टेट गारंटी और फाइनैंस को पृथक कर दिया गया, वैसे ही शहर फाइनेंसिंग को चुनने (आॅप्ट), अपनाने (एडॉप्ट) और आगे बढ़ाने (कैरीफॉरवर्ड) के लिए तैयार रहेंगे. और तो और इसको निर्धारित समय मैं (टाइम बाउंड) अमल में लाएंगे (इम्प्लिमेंट करेंगे) हमारे एजेंडा में हमने सर्वे भवंतु सुखिन:, सर्वे संतु निरामय, सर्वे भद्राणी पश्यंति… को लेकर शहर में कार्य करने व विश्वभर में वसुधैव कुटुंबकम् मंत्र के आधार पर विश्व कल्याण की कामना से कार्य करने को महत्व दे रहे हैं।

सम्मेलन के दौरान केंद्रीय मंत्री आवास व शहरी कार्य हरदीप पुरी ने अपने उद्बोधन में इंदौर के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सहित विशेष रूप से महापौर भार्गव द्वारा नवाचार के तहत् इंदौर में लागू किए गए थ्री-आर कंसेप्ट की खासी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इंदौर में रीड्यूज, रीयूज व रिसाइकल अभियान चलाकर सॉलिड वेस्ट मटेरियल के उपयोग के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा स्वच्छता में इंदौर देशभर में नंबर वन है। हर साल होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण में लगातार नंबर वन रहा है। यही वजह है कि देश ही नहीं विदेश के प्रतिनिधिमंडल इसका अवलोकन करने इंदौर पहुंचने की मंशा रख रहे हैं।

इंदौर शहर की स्वच्छता सहित अन्य उपलब्धियों से प्रभावित हो फ्रांस, दुबई सहित अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने इंदौर आने की इच्छा जाहिर की। महापौर श्री भार्गव ने विदेशी प्रतिनिधियों को इंदौर आमंत्रित किया। संभवत: इस सम्मेलन के बाद कई देशों के प्रतिनिधि इंदौर की स्वच्छता व सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सहित विभिन्न नवाचारों को देखने आएंगे। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री पुरी ने इंदौर की स्वच्छता व यहां के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की प्रशंसा की। भार्गव ने श्रीनगर के महापौर जुनैद अजीम मट्टू से भेंट कर इंदौर व श्रीनगर के विकास संबंधी विषय पर सार्थक चर्चा की। किसी अंतरराष्ट्रीय समिट में इंदौर शहर की स्वच्छता सहित अन्य उपलब्धियों की विशेष रूप से चर्चा होना निश्चित रूप से हरेक इंदौरवासी के लिए गौरव का विषय है।