आबिद कामदार
इंदौर। इंदौर शहर स्वच्छता के साथ साथ अब शहर को अब स्मार्ट सिटी का पूर्ण रूप देने के लिए कई प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहा है। जिसमें पब्लिक ट्रांसपोर्ट को ध्यान में रखते हुए, एसएस स्टेनलेस स्टील मॉडल पर बस क्यू शेल्टर बस स्टॉप तैयार किए जाएंगे। पूरे शहर में लगभग 600 नए स्टेशन तैयार किए जाएंगे। जिसमें नगर निगम द्वारा बनाए गए 150 पुराने बस स्टॉप को भी नया रूप दिया जाएगा। यह पहले के मुकाबले एनमटी फ्री होंगे जिसमें बुजुर्ग, विकलांग के लिए इसे स्लोप पेटर्न पर तैयार किए जाएगा, जिससे उन्हें चढ़ने उतरने में किसी तरह की कोई समस्या नहीं होगी। वहीं इसमें महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अन्य सुविधाएं तैयार की जाएगी।
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सिक्योरिटी और इंफॉर्मेशन के लिए कैमरा और पीआईएस भी लगाए जायेंगे।
इन 600 बस स्टॉप पर सिक्योरिटी और इंफॉर्मेशन के लिए कैमरा और पीआईएस भी लगाए जायेंगे। यह हाई क्वालिटी कैमरा एआईसीटीएसएल के कंट्रोल रूम ऑफिस से जुड़े होंगे, जो की स्टेशन के हर क्षण को रिकॉर्ड कर लेंगे, जिससे सिक्योरिटी में काफी मदद मिलेगी। वहीं पीआईएस यानी पब्लिक इंफॉर्मेशन सिस्टम लगा होगा, जिसमें बस के रूट मैप, टाइमिंग, बस लोकेशन, हाई टेक सीटिंग, और अन्य इंफॉर्मेशन एक बड़ी स्क्रीन पर दिखाई देगी। वहीं स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए इनबिल्ट डस्टबीन तैयार किए जाएंगे। यह स्टेशन शहर के लगभग हर क्षेत्र में लगाएं जाएंगे। वहीं यह एलेन की डेवलप रहेगा, जो एक ही की से पूरा स्टेशन लॉक रहेगा। जिस वजह से कुर्सियां, और अन्य सामान चौरी होने की संभावना कम होगी।
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एक स्टॉप पर 8 लाख तो 600 पर 50 करोड़ आयेगा खर्च
पहले जो बस स्टॉप बनाए गए थे उनमें ज्यादातर इस्तेमाल लोहे और टीन शेड का किया गया था, जिस वजह से बारिश में पानी लगने से इनमे जंग लगकर सड़ने के चांस बढ़ जाते हैं। यह नए स्टॉप स्टेनलेस स्टील से बने होंगे, एसएस मॉडल पर पूरी तरह से डिजिटल रूप से तैयार एक स्टेशन को तैयार करने में लगभग 8 लाख का खर्च आएगा, वहीं 600 स्टॉप पर लगभग 48 करोड़ का खर्च आएगा।
15 साल तक मिलेंगे एडवरटाइजिंग राइट
एआईसीटीएसएल द्वारा 200 के तीन भागों में क्लस्टर निकाले हैं। इन स्टॉप के बीच 800 मीटर तक दूरी होगी। इन स्टेशन की टेंडर प्रक्रिया अभी जारी है, जो कि अप्रैल तक चलेगी। यह पूरी तरह से बूथ मॉडल पर रहेगा जिसमें इसे बनाने वाले को एडवरटाइजिंग के पूरे राइट 15 साल तक दिए जायेंगे। वहीं 1 लाख तक का वीजीएफ सपोर्ट दिया जाएगा। इन टेंडर के अप्रैल तक सबमिशन होंगे।