स्वराज्य स्वाभिमान उत्सव 2025 के तहत कई आयोजन किए जा रहे हैं। जीजामाता चौराहा स्थित ग्राउंड पर नि:शुल्क शिवकालीन शस्त्रकला शिविर का आयोजन किया गया है। इसमें लगभग 1000 से अधिक बालिकाएं और महिलाएं प्रशिक्षण ले रही हैं। 12 जनवरी को जिजाऊ जयंती पर मशाल यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा मालवा मिल अनाज मंडी से निकल कर जिजाऊ चौक (तीन पुलिया ) पहुँचेगी। यहां 2023 में 400 किलोमीटर दूर जिजामाता की जन्मस्थली से पदयात्रा निकालकर मिट्टी लाई गई थी। उसी मिट्टी से माँ जिजाऊ की प्रतिमा स्थापित की गई थी ।
सर्व मराठी भाषी संघ की अध्यक्ष स्वाति युवराज काशिद(राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय मराठा महासंघ ) ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य सर्व मराठी भाषीय समाजजन को एकत्र करने एवं शिवाजी महाराज के हिंदवी स्वराज्य के इतिहास से अवगत करवाना है। इंदौर माँ अहिल्या की पावन नगरी है। यहाँ मराठी समाज के लोगों की बड़ी संख्या है, लेकिन राजमाता जिजाऊ की कोई प्रतिमा इंदौर में अब तक नहीं थी। स्वराज्य स्वाभिमान उत्सव के तहत बीते वर्ष 2023 में प्रतिमा की स्थापित की गई। इससे केवल मराठी भाषी ही नहीं, बल्कि हर भारतवासी को गौरवान्वित होने का अहसास हुआ।
निःशुल्क शिवकालीन शस्त्र कला प्रशिक्षण
स्वाति काशिद ने बताया कि महिलाओं और युवतियों पर छेड़छाड़ और लव जिहाद जैसे बढ़ते अपराधों को दखते हुए हमारी संस्था द्वारा यह फैसला लिया गया कि इस वर्ष हम जिजाऊ जन्मोत्सव पर 6 दिवसीय नि:शुल्क शस्त्र कला प्रशिक्षण दें। इसमें महिलाओं, युवतियों एवं छोटे बच्चे लाठी-काठी, दानपट्टा, तलवारबाजी, ढोल-लेजिम, ध्वजपथक का प्रशिक्षण ले रहे हैं। यह शिविर 5 जनवरी से शुरू हुआ है और 11जनवरी तक शाम 5 बजे से 9 बजे तक चलेगा। इसमें काफी संख्या में महिलाएं, युवतियां एवं बच्चे शामिल हो रहे हैं।
427 महिलाएं लेकर चलेंगी मशाल
इस वर्ष माँ जिजाऊ की 427 वीं जन्म जयंती मनाई जा रही है। इसलिए 12 जनवरी को निकलने वाली मशाल यात्रा में 427 महिलाएं मशाल लेकर चलेंगी। सभी महिलाएं पारम्परिक वेषभूषा में होंगी।