गुलमोहर ग्रीन कॉलोनी अवैध घोषित करने के मामले में HC ने मांगा जवाब

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इंदौर (Indore News) : ग्राम भानगढ़ जिला इन्दोर में तत्कालीन सरपंच सहायक यंत्री और अनुविभागीय अधिकारी ने साठ गांठ कर कॉलोनाईजर को लाभ पहुचाने के उद्देश्य से फर्जी शपटपत्र प्राप्त कर बिना मौका निरीक्षण किया विकास पूर्ण मान कर भूखंडों को बंधक से मुक्त कर दिया। गरीब वंचितों को मिलने वाला हिस्सा भी कॉलोनाईजर ने हड़प लिया । भूमाफियाओं को लाभ पहुचाने के उद्देश्य से मिलिभगत कर फर्जीवाड़ा किया गया है। जिसे नगर निगम की कॉलोनी सेल ने भी माना है।

दस्तावेज़ों का बिन्दुवार अवलोकन करने पर न्यायालय ने माना जिसका उद्देश्य जनहित को लाभ पहुचाना था वहाँ कॉलोनाईजर को लाभ पहुँचाया गया जिससे शासन को बेशक़ीमती जमीनों के राजस्व की हानि उठाना पड़ रही है और तो रहवासियों द्वारा भी लगातार शिकायत की जा रही है कि कॉलोनाइजर के द्वारा कोई विकास नही किया और विकास गया याचिकाकर्ता की और से एडवोकेट यादव ने याचिका में दोषी सरपंच अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, सहायक यंत्री ग्रामीण सेवा और कॉलोनाईजर के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर गुलमोहर ग्रीन कॉलोनी को अवैध घोषित करने की मांग न्यायालय से की इन तर्कों से सहमत होकर प्रशासनिक न्यायमूर्ति सुजॉय पॉल और न्यायमूर्ति अनिल वर्मा की युगलपीठ ने सरकार से 6 सप्ताह में जवाब मांगा है।