ओडिशा ट्रेन हादसे की सबसे बड़ी वजह का हुआ खुलासा, पहले सिग्नल दिया, फिर तुरंत लिया वापस, ऐसे हुआ हादसा

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बालासोर। ओडिशा के बालासोर जिले में बहानागा रेलवे स्टेशन के पास यात्री ट्रेन कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियां पटरी से उतर गई, जिसमे अब तक 260 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। रात भर से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। 1000 अन्य घायल हो गए है। हादसा बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के पास शाम करीब 7 बजे हुआ। दो पैसेंजर ट्रेन और एक मालगाड़ी के बीच हुई भयानक टक्कर के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे वाली जगह पर पहुंचें है। उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों से घटना की जनकारी ली। ये हादसा तीन ट्रेनों के टकराने की वजह से हुआ था। इसमें दो यात्री ट्रेनें थी और एक मालगाड़ी शामिल थी। अब इस हादसे की जॉइंट इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें हादसे के पीछे सिग्नल से जुड़ी गलती बताई गई है।

हादसे की संयुक्त जांच रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में घटना के पीछे सिग्नल से संबंधित गलती बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक जिस वक्त कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतरी, उस वक्त वो 120 किलोमीटर की स्पीड पर थी। एक मालगाड़ी बहानगा बाजार स्टेशन पर लूप लाइन में खड़ी थी। तभी कोरोमंडल एक्सप्रेस स्टेशन पर पहुंची। कोरोमंडल एक्सप्रेस तेज रफ्तार से मेन अप लाइन से गुजर रही थी। उस समय डाउन लाइन से यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस भी गुजर रही थी। पहले अप मेन लाइन के लिए कोरोमंडल एक्सप्रेस को सिग्नल भेजा गया था, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया गया। तब तक कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन पर चली गई और वहां खड़ी मालगाड़ी से उसकी भिड़ंत हो गई।

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हादसे के बाद घटनास्थल का जायजा लेने पहुंचे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह बड़ा ही दर्दनाक हादसा है। बता दें कि, स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी आपस में भिड़ गई, जिससे यह दर्दनाक हादसा हो गया। हादसे के बाद 48 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया जबकि कई ट्रेनों का रास्ता बदला गया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ओडिशा में बालासोर ट्रेन हादसे के बाद एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है।