कीर्ति राणा
कोरोना कहर के दौरान जब पूरी दुनिया में कामकाज ठप था तो इंदौर कैसे दौड़ सकता था लेकिन जब कोरोना की पहली-दूसरी लहर का असर कम होने के बाद इंदौर कोरोना के विरुद्ध वेक्सीन अभियान में पूरे प्रदेश में नंबर वन रहा तो यह कीर्तिमान इस बात का भी संकेत था कि जब देश प्रदेश के बाकी शहर फिर से जागृत होने लगे तबतक इंदौर नई ऊर्जा के साथ दौड़ने लगा था। लगातार पांच बार स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर रहने वाला इंदौर यदि प्रदेश के विकास वाले शहरों की सूची में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की नजर में पहले क्रम। पर रहता रहा है तो उसकी प्रमुख वजह यह उनके सपनों का शहर तो है ही, सरकार की हर योजना में शहर के आम लोगों की बराबर की भागीदारी भी रही है।
जनभागीदारी की इसी भावना ने बाकी शहरों पर इंदौर को हमेशा भारी रखा है। कोरोना काल में हालात ही ऐसे। थे कि रोजगार धंधे बंद रहने से पड़ी आर्थिक मार ने। सभी वर्गोंको असहाय कर दिया था लेकिन उसे बुरे वक्त में भी एक-दूसरे के। आंसू पोंछने, मदद का हाथ बढ़ाने में इंदौर अन्य शहरों के सिए आदर्श बना था। इस शहर की तासीर ही ऐसी है कि मुख्यमंत्री किसी अन्य शहर या अन्य प्रदेश मेंजाएं हर क्षेत्र में नया करने वाले इस शहर को इंदौर मॉडल कहना नहीं भूलते।
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यही नहीं चाहे कानून व्यवस्था की बात हो, गुंडा तत्वों पर नकेल कसने का जिक्र हो या मकान बनाने का सपनादेखने वाले हजारों परिवारों को उनके भूखड लाने और भू माफिया पर सख्ती का मामला हो या स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्यों की द्रुत गति हो या समय सीमा में विकास प्राधिकरण द्वारा विभिन्न स्कीमों को पूरा करने की समीक्षा हो कमिश्नर-कलेक्टर्स कांफ्रेंस में अन्य जिलों के अधिकारियों को इंदौर से सीख लेने की सलाह बार बार देते हैं। यूं तो इंदौर की पहचान सदैव से स्व स्फूर्त और स्व अनुशासन में विश्वास रखने वाले शहर के रूप में रही है किंतु कोरोना काल वाले दो साल के बाद से अब तक शहर के विकास में जो तेजी आई है।
वह अन्य शहरोंसे आने वाले लोगों के साथ ही विभिन्न राज्यों से इंदौर के कार्यों को समझने-सीखने के लिए आने वाले विभिन्न दलों के लिए हत्प्रभ करने वाली रही है। जब मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी सेंव के स्वाद को स्व अनुशासन से जोड़ते हुए इंदौर को याद करते हैं तो शहर के आमजन का इतराना स्वाभाविक लगता है। घोषित योजनाओं को समय सीमा में पूरा कैसे कर लें यह टीम भावना और समन्वित प्रयासों से मिली सफलता अन्य जिलों के लिए गाइड लाइन बन चुकी है। चाहे जिस क्षेत्र के विकास की घोषणा हो, उद्योग स्थापना करना हो, विश्व के कारोबारियों को इन्वेस्ट के लिए आमंत्रित करना हो इंदौर का नाम ही उभरता है।
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यही वजह है कि शासन कीहर योजना और मुख्यमंत्री की सद्इच्छा को सफलता इंदौर की प्रयोगशाला में ही मिलती है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह यदि इंदौर को अपने सपनों का शहर कहते हैं तो विभिन्न योजनाओं, विकास कार्यों की मंजूरी में उतनी ही उदारता भी दिखाते हैं।सरकार कोयह भी तो पता हैकि प्रदेश की यह आर्थिक राजधानी टैक्स की भरपाई भी ईमानदारी से करती है। हाल के दो वर्षों में इंदौर के लिए मुख्यमंत्री ने इतना कुछ दिया है कि विकास की गति को जहां पंख लग गए हैं।
वहीं केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा इंदौर से अन्य राज्यों और देशों के लिए की जा रही उड़ानों की घोषणा सपनों को हकीकत में बदलने वालीसाबित होती नजर आने लगी है। इन दो वर्षों में की गई घोषणा और कराए जाने वाले कार्यों के पूरा हो जाने पर यह शहर अगले 25-50 सालों में भी अन्य शहरों से आगे ही रहेगा। मुख्यमंत्री ने जो घोषणाएं की है उन पर काम भी तेजी से चल रहा है।सड़कों का बिछता जाल, सिक्स लेन के साथ बायपास-हाइवे निर्माण के नए कार्य पूरा होने के बाद इस शहर का चेहरा और अधिक खूबसूरत नजर आएगा।