भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) क्रांति की शुरुआत हो चुकी है! टेस्ला, दुनिया की सबसे प्रसिद्ध EV कंपनी, आखिरकार भारत में प्रवेश करने के लिए तैयार है। दरअसल, यह भारत सरकार द्वारा अनुमोदित नई इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति के कारण संभव हुआ है।
बता दें कि, सरकार की नई नीति का उद्देश्य भारत को EV के लिए एक विश्वसनीय विनिर्माण केंद्र बनाना और विदेशी निवेश को आकर्षित करना है। इसके तहत, टेस्ला जैसी कंपनियों को भारत में अपना विनिर्माण या असेंबलिंग प्लांट लगाने के लिए ₹4150 करोड़ का निवेश करना होगा। बदले में, उन्हें कई तरह की कर छूट और बाजार तक पहुंच प्रदान की जाएगी।
‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा:
यह नीति ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी बढ़ावा देगी। भारत में निर्मित EVs को न केवल घरेलू बाजार में बेचा जा सकेगा, बल्कि विदेशों में भी निर्यात किया जा सकेगा।
भारत के लिए लाभ:
टेस्ला के भारत आने से कई लाभ होंगे:
रोजगार सृजन: टेस्ला के प्लांट से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।
तकनीकी विकास: भारत EV तकनीक में अग्रणी बन जाएगा।
पर्यावरण संरक्षण: EVs प्रदूषण को कम करने में मदद करेंगे।
यह एक रोमांचक समय है!
टेस्ला का भारत आना एक ऐतिहासिक क्षण है। यह भारत को EV क्रांति में अग्रणी बना देगा और देश के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करेगा। वहीं इसको लेकर मंत्रालय ने कहा, ‘यह भारतीय उपभोक्ताओं को नवीनतम तकनीक तक पहुंच प्रदान करेगा, मेक इन इंडिया (भारत में उत्पादन करो) पहल को बढ़ावा देगा, ईवी कंपनियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देकर ईवी परिवेश को मजबूत करेगा, जिससे उत्पादन की उच्च मात्रा, पैमाने की अर्थव्यवस्थाएं, उत्पादन की कम लागत और आयात में कमी आएगी, कच्चे तेल की आयात कम होगी, व्यापार घाटा कम होगा, विशेषकर शहरों में वायु प्रदूषण कम होगा और स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।’