रुला देने वाले हादसे के बीच मंत्री का सुस्वादु नवरतन भोजन और हंसी-ठिठौली

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पुष्पेन्द्र वैद्य

मंगलवार की सुबह पूर्वी मध्यप्रदेश के सीधी जिले से आई खबर से पूरे राज्य में शोक की लहर छा गई। बाणसागर बाँध की नहर में समायी बस में 51 लोग काल कवलित हो गए। हादसे की खबर जिसने भी सुनी, उसके रोंगटे खड़े हो गए। हादसे के बाद का खौफ़नाक मंजर रुला देने वाला था। किसी का सुहाग उजड़ गया, तो किसी की गोद सुनी हो गई, किसी का पिता चला गया तो किसी ने अपना भाई खो दिया. किसी ने माँ को खो दिया तो किसी का पूरा परिवार ही लहरों में समा गया। कई घरों में चूल्हा नहीं जला। काल का निवाला बने 51 परिवारों का हाल सब जानते ही हैं लेकिन इनके अलावा कई गाँवों और शहरों के कई-कई परिवारों में मातम का सन्नाटा था ।

लेकिन जिस परिवन विभाग की लापरवाही के चलते यह दर्दनाक हादसा हुआ, उसके मुखिया यानी प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भोपाल में बैठकर अपने साथी मंत्री के बंगले पर हंसी-ठिठौली के साथ सुस्वादु नवरतन भोजन का लुत्फ उठा रहे थे। किसी जश्न की तरह उनके दरबारी उन्हें घेरे हुए थे और चेहरे पर भोजन के चटखारों के भाव आ जा रहे थे। मंत्रीजी, आपको पीड़ित परिवारों की सांत्वना देनी थी पर आप सत्ता के सुरूर में अपनी ज़िम्मेदारियाँ ही भूल चुके हैं। राज्य सरकार ने दो मंत्रियों को मौके पर भेजा था। उन दोनों ही मंत्रियों का परिवहन या गृह विभाग से कोई लेना-देना नहीं था। मान लिया जाए कि इन्हें सरकार ने अपना प्रतिनिधि बनाकर भेजा था तो क्या विभागीय मंत्री जी को यहाँ भोजन का लुत्फ और हंसी-ठिठौली के लिए छोड़ा गया था। हर बार कि तरह हादसों के बाद मुख्यमंत्री जी ने अपनी चिर-परिचित भाव भंगिमाओं के साथ शोक संवेदनाएं तो बखूबी प्रकट कर दी लेकिन क्या आप बता पाएंगें कि पिछले हादसों से आपने क्या सबक लिया। और उनकी लंबी चौड़ी जाँचों का क्या नतीजा निकला। इस बार भी जाँच होंगी। बड़े-बड़े अफसर इनक्वायरी टूरिज़्म करेंगे। कई-कई दिनों तक जॉँचे होंगी। कुछ मुलाजिमों पर गाज भी गिरेगी लेकिन उन परिवारों को क्या कभी इंसाफ मिल पाएगा। आमतौर पर जिन अफ़सरों को आप आनन-फानन में हटा देते हैं या सस्पेंड कर देते हैं, थोड़े दिनों के बाद उतनी ही मलाईदार पोस्ट देकर आप उन्हें रिवॉर्ड भी दे देते हैं। मुख्यमंत्री जी पिछले कुछ दिनों से एक्शन मोड़ में नजर आ रहे हैं लेकिन क्या आप अपनी केबिनेट के मंत्री की इस ग़ैरज़िम्मैदाराना हरकत पर पर सवाल उठाएंगे। ज़ाहिर है ऐसे मंत्री और इस लचर सिस्टम की वजह से ही जनता का राजनीति और सिस्टम से भरोसा उठने लगा है।