हमारे परम मित्र जनाब तारिक़ शाहिन साहब जिन्हें राहत साहब अपने उस्ताद के दर्ज़े से नवाज़ते थे,
उन्ही तारिक़ शाहिन साहब की मशहूर शायर राहत इन्दौरी साहब को श्रद्धांजलि
जिंदगी की रौशनी को मौत के अंधेरे निग़ल गये
यानि अदबी सूरज बुझ गया,
मेरे भाई “राहत इन्दोरी” मौत की कभी ना खुलने वाली निंद सो गये
तारिक़ शाहिन