इंदौर : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इंदौर को विकास एवं तरक्की के क्षेत्र में आदर्श शहर के रूप में विकसित किया जायेगा। अगले पांच वर्षों में ऐसी योजनाओं पर कार्य होगा, जिससे कि यह शहर स्वच्छता के साथ ही विकास और तरक्की में भी देश में अव्वल और आदर्श शहर के रूप में दिखाई दें। उन्होंने आज इंदौर में अगले पांच वर्षों में किये जाने वाले कार्यों के लिये प्रस्तावित योजनाओं का प्रजेन्टेशन देखा। उन्होंने योजनाओं की जानकारी ली और निर्देश दिये कि इंदौर की भविष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये समयबद्ध कार्ययोजना के अनुसार कार्य किये जाये। इंदौर के विकास में कोई कमी नहीं आने दी जायेगी।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, पर्यटन मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, औद्योगिक निवेश मंत्री श्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, सांसद श्री शंकर लालवानी विशेष रूप से मौजूद थे। बैठक में संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, एडीजी श्री योगेश देशमुख, कलेक्टर श्री मनीष सिंह, आईजी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री हरिनारायणचारी मिश्र सहित संबंधित विभागों के अधिकारी, विधायकगण और अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे।
बैठक में संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा और कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने मूलभूत सुविधाओं (शहरी अधोसंरचनाओं) का विकास, ट्रैफिक मास्टर प्लान, आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश, सामाजिक दायित्व, सांस्कृतिक विकास, पर्यावरण संरक्षण आदि क्षेत्र में किये जाने वाले विकास कार्यों के लिये प्रस्तावित योजनाओं की जानकारी दी। बैठक में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इंदौर में विकास की अपार संभावनाएं है। यह तेजी से बढ़ता हुआ शहर है। शहर के नागरिकों की जरूरत के अनुरूप विकास कार्य हो रहे हैं, भविष्य में इसे और अधिक विस्तारित किया जायेगा। स्वच्छता में तो यह शहर अव्वल है ही अब इसे विकास और तरक्की के क्षेत्र में भी अव्वल और आदर्श बनायेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इंदौर में परिवहन सुविधा को सुलभ बनाने के लिये शहर के व्यस्ततम मार्गों पर केबल कार चलाई जाये। इसके लिये तैयार योजना को उन्होंने अपनी सहमति दी। केबल कार चलाने वाला इंदौर देश के चुनिंदा शहरों में शामिल होगा। इस योजना को मूर्तरूप देने के लिये विस्तृत योजना शीघ्र तैयार करने के निर्देश भी दिये। शहर में सभी शासकीय स्कूलों को जन-भागीदारी से प्रायवेट स्कूलों से बेहतर और सुविधायुक्त बनाया जायेगा। इसके लिये उन्होंने अभियान चलाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये। साथ ही कहा कि इंदौर में इन्टरनेशनल एयरपोर्ट विकसित किया जाये। इसके लिये पूरी मदद दी जायेगी।
स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के लिये सुविधायुक्त ठेला जोन और दैनिक मार्केट विकसित किया जायेगा। उन्होंने आईटी हब का विस्तार करने के निर्देश भी दिये। इसके लिये उन्होंने आईंटी से जुड़ी कंपनियों के साथ बैठक करने की बात भी कहीं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सर्वसुविधायुक्त लॉजिस्टिक हब विकसित हो। उन्होंने जिले में एक बड़ी गौ-शाला को आदर्श गौ-शाला के रूप में विकसित करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि समय के जरूरत के मुताबिक नये रोड़ विकसित हो। मेट्रो के कार्य की गति बढ़ाई जाये। ऐसे प्रयास किये जाये कि वर्ष 2022 तक कोई भी परिवार पक्के मकान से वंचित नहीं हो, सबका पक्का मकान हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शहर में चल रहे सभी फीवर क्लीनिकों का सुदृढ़ीकरण किया जाये, जिससे कि नागरिकों को अपनी बीमारियों के इलाज में सुविधा हो। अनेक जाँच सुविधाएं भी उन्हें इन्हीं केन्द्रों पर मिले।
बैठक में पूर्व मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि शहर में घरेलू उद्योगों और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाये। इंदौर में खिलौनों के निर्माण की अपार संभावनाएं हैं। ऐसे कार्य किये जाये, जिससे छोटे-छोटे उद्योगों, उद्यमियों और व्यावसायियों को प्रोत्साहन मिले। उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को परेशानी नहीं हो, इसके मद्देनजर ट्रांसपोर्ट हब में व्यवस्था की जाये, इसके लिये योजना बनायें।
बैठक में बताया गया कि अगले पांच वर्षों में 2026 तक जल प्रदाय का कवरेज हर नागरिकों तक पहुंचाने की योजना तैयार की गई है। हर घर में नल- हर नल में जल होगा। शहर में 30 नई टंकिया बनाई जायेगी तथा 350 किलोमीटर वितरण तंत्र का विकास होगा। सीवरेज क्षमता 75 एमएलडी और संग्रहण तंत्र 847 किलोमीटर का विस्तार होगा। सीवरेज के जल की उपचार क्षमता 412 एमएलडी से बढ़ाकर 487 एमएलडी तथा तथा नेटवर्क की क्षमता 1675 किलोमीटर से बढ़ाकर 2522 किलोमीटर करना प्रस्तावित है।
उपचारित जल का पुन: उपयोग 102 एमएलडी से बढ़ाकर 350 एमएलडी करना है। संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा और कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने बताया कि इंदौर देश का ऐसा पहला शहर होने जा रहा है, जिसकी सभी नदी और नालों में गंदा और सीवरेज का जल उसके पानी में नहीं मिलेगा। नदी और नालों में स्वच्छ और उपचारित जल ही प्रवाहित होगा। स्टार्म वॉटर ड्रेनेज लाइन की क्षमता प्राकृतिक नदी नालों सहित 400 किलोमीटर से बढ़ाकर वर्ष 2026 तक 615 किलोमीटर की जायेगी। शहर को वॉटर प्लस सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है।
रेंटल हाउसिंग के अंतर्गत शहरी मजदूरों और प्रवासियों के लिये 2022 तक 200 घर एवं वर्किंग महिलाओं के लिये 100 बेड हॉस्टल बनाने का लक्ष्य है। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मांग अनुसार विभिन्न चरणों में 97 हजार 627 किफायती आवासीय ईकाईयों का निर्माण प्रस्तावित है। योजना के अंतर्गत लक्ष्य की पूर्ति के लिये तेजी से काम चल रहा है।