दिव्यांग खिलाड़ी पूजा गर्ग के विदेश जाने की राह हुई आसान, कलेक्टर डॉ.इलैयाराजा टी ने जन सहयोग से सौंपा एक लाख का चेक

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Indore Collector Dr.Ilaiyaraaja T: इंदौर की प्रतिभावान दिव्यांग खिलाड़ी पूजा गर्ग के विदेश जाने की राह अब आसान हुई है। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने आज इस होनहार पैरा ओलंपिक खिलाड़ी पूजा को जन सहयोग से एक लाख रूपए की मदद का चेक सौंपा। पूजा अब बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी और नए हौंसलों के साथ नेशनल और इंटरनेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेंगी। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने इस खिलाड़ी से चर्चा कर उज्ज्वल भविष्य तथा पदक प्राप्त करने की शुभकामनाएं दी।

उल्लेखनीय है कि यह खिलाड़ी पिछले दिनों जनसुनवाई में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी से मिली थी और अपनी परेशानियां बतायी थी। पूजा का कहना था कि मैं खेल प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करना चाहती हूं। मेरे खेल और आत्मविश्वास में कोई कमी नहीं है। कमी है तो बस साधन और सुविधाओं में। कलेक्टर ने इस खिलाड़ी की समस्याओं को गंभीरता से सुना और मानवीय संवेदनाओं का परिचय देते हुए गत फरवरी माह में मोटोराइज्ड व्हील चेयर उपलब्ध कराई थी।

इससे उसके जीवन की राह और आसान हुयी। इसके बाद उसे प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए विदेश जाने में आर्थिक परेशानी का सामना हुआ। यह समस्या भी उसने कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी को बतायी। उन्होंने जनसहयोग से व्यवस्था कराने का भरोसा दिलाया। उन्होंने अपर कलेक्टर श्री राजेश राठौर और सहायता संस्था के श्री अनिल भंडारी से चर्चा की। श्री अनिल भंडारी के प्रयासों से पाथ इन्फ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से एक लाख रूपए की व्यवस्था की गयी। इस राशि का चेक आज पूजा को सौंपा गया। पूजा ने आश्वस्त किया कि वे बेहतर प्रदर्शन करेंगी और इंदौर सहित मध्यप्रदेश और पूरे देश का नाम रोशन करेंगी।

अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग खिलाड़ी पूजा गर्ग वर्ष 2010 में सीढ़ी से गिर जाने से दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी। उसे स्पाइनल इंजूरी हुयी, जिससे अस्सी प्रतिशत विकलांग हो गयी। उसने अपने हौसलों को कमजोर नहीं होने दिया, लगातार अभ्यास करती रही। वे पैरा कैनाइंग और पिस्टल शूटर खिलाड़ी है। अपने मजबूत इरादों के साथ कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और पदक प्राप्त किए। वह अब अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना चाहती है। मदद मिलने से पूजा गर्ग बेहद खुश है और उसने विश्वास दिलाया कि अब मैं अपना सारा ध्यान अपने खेल पर दूंगी और भविष्य की प्रतियोगिताओं में बेहतर से बेहतर परिणाम लाउंगी। वे पैरा ओलंपिक में स्वर्ण पदक लाने के लिए आशान्वित है। उसने कहा कि अब मेरे हौसलों को नई उड़ान मिल गयी है।