इंदौर के रमेश बाहेती ने डॉ वेद प्रताप वैदिक को किया याद, बताया अर्जुन सिंह के पत्र की भाषा थी तीखी और विचलित
तबला सीखने वालों को रास्ता बताने आए पं योगेश सम्सी, बोले- वादक होना ही सब कुछ नहीं, गाना भी आना चाहिए