सुशील मोदी ने ग्रहण की राज्यसभा की सदस्यता, कहा- विपक्ष न किसानों के साथ है, न गरीबों के साथ

Akanksha
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नई दिल्ली। शनिवार को बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम एवं भाजपा नेता सुशील मोदी ने राज्य सभा में राज्य सभा की सदस्यता की शपथ ग्रहण कर ली है। बता दे कि, इसके पहले बिहार में हुये उपचुनाव के दौरान सुशील मोदी राज्य सभा के लिए निर्विरोध चुने गये थे। वही, सुशील मोदी ने राज्य सभा में शपथ ग्रहण करने के दौरान कहा कि, राजनीतिक दुराग्रह से भरे विपक्ष ने इन सब मुद्दों पर भारत-विरोधी ताकतों की मदद लेकर केवल जनता को गुमराह किया व हिंसा के लिए उकसाया। साथ ही उन्होंने नागरिकता कानून के विरुद्ध शाहीनबाग व कृषि कानून के विरुद्ध दिल्ली का घेराव इसी मानसिकता के परिणाम हैं।

सुशील मोदी ने कहा कि, एनडीए सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 18 महीनों में नागरिकता संशोधन कानून, जम्मू-कश्मीर में धारा-370 का शिथलीकरण, दो नये केंद्र शासित प्रदेशों का गठन व तीन नये कृषि कानून के क्रियान्वयन सहित देशहित में जितने भी बडे कदम उठाये। वे सब संसद में व्यापक विचार-विमर्श के बाद के फैसले हैं।

उन्होंने आगे कहा कि, इस कानून के खिलाफ लालू प्रसाद की पार्टी के उस सांसद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। जिसने ऊंची जाति के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण देने का विरोध किया था। सुशील मोदी ने कहा कि विपक्ष न किसानों के साथ है, न गरीबों के साथ। सुशील मोदी ने कहा कि, दो दशक तक कई स्तरों पर विचार के बाद किसानों की आय दोगुनी करने और कृषि में निवेश बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने जो कानून बनाये। उन्हें राहुल गांधी के नेतृत्व वाला विपक्ष ‘जल्दबाजी में लागू कानून’ बता रहा है।

साथ ही सुशील मोदी ने राज्य सभा में शपथ ग्रहण करने के बाद मीडिया कर्मियों से बिहार को लेकर भी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि, दिल्ली आने का ये मतलब नहीं कि कोई स्टेट की राजनीति से अलग हो जाएगा। दिल्ली में रहकर बिहार की राजनीति करते रहेंगे व राज्यसभा में बिहार के मुद्दों को उठाते रहेंगे। मेरी रगों में सिर्फ बिहार, बिहार, बिहार ही है।