Supreme Court: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में पिछले वर्ष की तुलना में पराली जलाने की गतिविधियाँ बढ़ी हैं। कोर्ट ने पूछा कि इन राज्यों द्वारा इस समस्या से निपटने के लिए कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाए गए हैं और इस संबंध में सुरक्षा एवं निगरानी के लिए क्या प्रयास किए गए हैं।
Supreme Court: पंजाब और हरियाणा सरकार से जवाब तलब
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा है। कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ-साथ इन राज्यों से यह भी पूछा कि पराली जलाने के उल्लंघन करने वालों पर केवल मामूली जुर्माना क्यों लगाया जाता है, और क्यों ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ सजा का प्रावधान नहीं है।
Supreme Court: हलफनामा दाखिल करने का आदेश
न्यायालय ने दोनों राज्यों को निर्देश दिया है कि वे सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करें कि क्यों गठित आयोग के निर्देशों का पालन नहीं किया गया। अदालत ने कहा है कि हलफनामा एक सप्ताह के भीतर प्रस्तुत किया जाना चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी।
Supreme Court: आयोग के निर्देशों का पालन
कोर्ट ने कहा कि पंजाब को अपने प्रस्ताव को स्पष्ट करना चाहिए जो आयोग को भेजा गया था। अदालत ने आदेश में यह भी उल्लेख किया कि राज्यों ने किसानों से बहुत कम मुआवजा वसूला है, और आयोग अपने निर्देशों के प्रवर्तन में कोई ठोस प्रयास नहीं कर रहा है।
Supreme Court: गुणवत्ता वायु प्रबंधन (सीएक्यूएम) दिशानिर्देशों का पालन
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा को गुणवत्ता वायु प्रबंधन (सीएक्यूएम) दिशानिर्देशों का पालन करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि यदि वायु प्रदूषण के विशेषज्ञ सीएक्यूएम समितियों के सदस्य नहीं हैं, तो वे अनुच्छेद 142 के तहत आवश्यक कार्रवाई कर सकते हैं। केंद्र और सीएक्यूएम को भी एक सप्ताह के अंदर हलफनामा दाखिल करना होगा, और आयोग को अपने निर्देशों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।