बिहार। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में जातीय गणना को लेकर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जनगणना का 80% काम पूरा हो चुका है। ऐसे में काम 90% पूरा हो जाएगा। तो उससे क्या फर्क पड़ जायेगा। 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होगी।
दरअसल एक अगस्त को पटना हाईकोर्ट ने बिहार ने जातिगत गणना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। पटना हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सरकार चाहे तो गणना करा सकती है। लेकिन इस फैसले को लेकर सुप्रीम में सुनवाई करवाई गई। अब इसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका को ख़ारिज करते हुए बिहार में जातीय गणना को हरी झंडी दे दी है।
आपको बता दे बिहार जाती एक बड़ा मुद्दा है। बिहार में जातिवाद को लेकर चुनाव रणनीति हर चुनाव में देखने को मिलती है। इधर बिहार सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के चंद घंटे के बाद ही जातीय गणना को लेकर आदेश जारी कर दिया था। जिसमे सभी जिलों के डीएम को आदेश दिया गया है कि पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद बिहार जाति आधारित गणना 2022 के रुके काम को फिर से शुरू किया जाए।
बता दें कि 7 जनवरी से जातीय गणना बिहार में शुरू हो गयी थी। लेकिन कुछ समय बाद इसपर रोक लगा दी गयी और मामला हाई कोर्ट तक पहुँच गया। जिसके बाद हाई कोर्ट में सुनवाई करने के बाद इसे जारी रखने का निर्देश दे दिया गया और अब सुप्रीम कोर्ट से भी इसे हरी झंडी दे दी गयी है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने आज इस मामले की सुनवाई की। हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए एनजीओ ‘एक सोच एक प्रयास’ की ओर से याचिका दायर की गई है।