किसान बदले विरोध का तरीका, सरकार कृषि कानून होल्ड पर रखें : SC

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नई दिल्ली : किसानों का मामला अब देश की सर्वोच्च अदालत में पहुंच गया है. आज इस मामले को लेकर सुनवाई होनी थी, हालांकि आज की सुनवाई टल चुकी है. इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने तीन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को नोटिस थमाते हुए गुरुवार तक इस मामले में जवाब मांगा था.

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टालते हुए कहा है कि, जब तक किसानों से बात न कर ली जाए, अदालत किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचेगी. सुनवाई में अदालत ने किसानों के आंदोलन को लेकर कहा कि, प्रदर्शन या विरोध करना किसानों का अधिकार है, हालांकि किसी शहर को ब्लॉक नहीं किया जा सकता है. बता दें कि बीते 22 दिनों से हजारों की तादाद में पंजाब और हरियाणा के किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन जारी है. जिसे दिल्लीवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सीमाएं ब्लॉक होने के चलते दिल्ली को कई सेवाओं के लिए जूझना पड़ रहा है.

इस मामले की सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस ने सरकार से कहा है कि, सरकार अब तक बातचीत के माध्यम से किसानों की समस्याओं का हल नहीं निकाल पाई है. सरकार की ओर से अदालत के ऐसा कहने पर जवाब में कहा गया कि किसान हां या ना में जवाब चाहते हैं. उनकी एक ही मांग है कि कृषि कानून रद्द किए जाए. आगे अदालत ने कहा कि, सरकार समिति गठित होने तक कृषि कानूनों को होल्ड पर रखे. हालांकि आगे AG ने दलील दी कि अगर ऐसा हुआ तो किसान संगठन बात नहीं करेंगे.

सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई में कहा कि, किसान प्रदर्शन करने के अधिकारी है. हालांकि इससे किसी आम जन को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. साथ ही अदालत ने कहा कि, बातचीत से इस मामले का हल निकलना अजरूरी है. अदालत ने पुलिस को भी हिदायत दी और कहा कि इस मामले में पुलिस द्वारा भी कोई एक्शन न लिया जाए.