भारत के महान सपूत की महागाथा, नेता जी की 125 वीं जयंती पर शब्द सुमन अर्पित

Akanksha
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धैर्यशील येवले इंदौर

तुम भारत के हो भाल
तुम भारत के हो लाल
सुभाष ,सुभाष ,सुभाष

हो रण केसरी तुम
तलवार ,खुखरी तुम
लावा तुम्हारी रगों में
झुके नही तुम दगो में
तुम सा नही कोई बलिदानी
तुम हिन्द की अमर कहानी
काट दे ते हो रिपु का हाथ
नही करते उसके सामने गाल
तुम भारत के हो भाल
तुम भारत के हो लाल
सुभाष ,सुभाष ,सुभाष

मांगते हो लहू
आज़ादी के लिए
जीवित हो सिर्फ
अरि की बर्बादी के लिए
ढोंग पाखंड से हो दूर
तुझसा न कोई दुजा शुर
खाली नही होने देते तुम
रणचंडी की थाल
तुम भारत के हो भाल
तुम भारत के हो लाल
सुभाष ,सुभाष ,सुभाष

तेरा कर्ज़ न उतार पायेंगे
सौ जन्म भी गर पायेंगे
तुझसा नही आज़ादी का रिंद
हर भारतीय कह रहा जयहिंद
तुम देशभक्ति की मिसाल
तुम भारत के हो भाल
तुम भारत के हो लाल
सुभाष ,सुभाष ,सुभाष ।