ऐसा रहा पण्डित जसराज के शास्त्रीय संगीत का सफर

Share on:

पण्डित जसराज का जन्म 28 जनवरी 1930 को हुआ था। पण्डित जसराज भारत के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायकों में से एक हैं। जसराज का संबंध मेवाती घराने से है।जब ये चार साल के थे तभी इनके पिता पण्डित मोतीराम का देहान्त हो गया था। जिसके बाद जसराज का पालन पोषण उनके बड़े भाई पण्डित मणीराम के संरक्षण में हुआ। जसराज ने संगीत दुनियाँ में 80 वर्ष से अधिक बिताए और कई प्रमुख पुरस्कार प्राप्त किए। इसके साथ ही शास्त्रीय और अर्ध-शास्त्रीय स्वरों के उनके प्रदर्शनो को एल्बम और फिल्म साउंडट्रैक के रूप में भी बनाया गया हैं। 11 नवम्बर 2006 को अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) ने खोजे गए हीन ग्रह 2006 VP32 (संख्या -300128) को पण्डित जसराज के सम्मान में ‘पण्डितजसराज’ नाम दिया है।

जसराज ने संगीत दुनियाँ में 80 वर्ष से अधिक बिताए और कई प्रमुख पुरस्कार प्राप्त किए। शास्त्रीय और अर्ध-शास्त्रीय स्वरों के उनके प्रदर्शनो को एल्बम और फिल्म साउंडट्रैक के रूप में भी बनाया गया हैं। जसराज ने ना सिर्फ भारत में बल्कि कनाडा और अमेरिका में भी संगीत सिखाया है। उनके कुछ शिष्य उल्लेखनीय संगीतकार भी बने हैं। उनकी मृत्यु 17 अगस्त 2020 को अमेरिका के न्यू जर्सी में हुई।

शिक्षा
जसराज ने 14 साल की उम्र में एक गायक के रूप में प्रशिक्षण शुरू किया। जसराज को उनके पिता पंडित मोतीराम ने मुखर संगीत में दीक्षा दी। उनके बाद में उनके बड़े भाई पंडित प्रताप नारायण ने उन्हे तबला संगतकार में प्रशिक्षित किया। वह अपने सबसे बड़े भाई, पंडित मनीराम के साथ अपने एकल गायन प्रदर्शन में अक्सर शामिल होते थे। बेगम अख्तर द्वारा प्रेरित होकर उन्होने शास्त्रीय संगीत को अपनाया।उन्होंने 22 साल की उम्र में गायक के रूप में अपना पहला स्टेज कॉन्सर्ट किया। मंच कलाकार बनने से पहले, जसराज ने कई वर्षों तक रेडियो पर एक ‘प्रदर्शन कलाकार’ के रूप में काम किया।

पुरस्कार व सम्मान

पण्डित जसराज को अन्य कई पुरस्कारों के अतिरिक्त प्रतिष्ठित पद्मभूषण से भी सम्मानित हो चुके हैं।
सुमित्रा चरत राम अवार्ड फॉर लाइफटाइम अचीवमेंट (2014)]
मारवाड़ संगीत रत्न पुरस्कार (2014)
संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप (2010)
स्वाति संगीता पुरस्करम् (2008)
पद्म विभूषण (2000)
संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1987)
पद्म श्री (1975)
संगीत काला रत्न
मास्टर दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार
लता मंगेशकर पुरस्कार
महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार