मध्यप्रदेश का एक ऐसा अनोखा मंदिर जहां दर्शन करने मात्र से मिलती हैं बुरे-डरावने सपनो से मुक्ति, इस तरह पहुंचते हैं दर्शनार्थी

Simran Vaidya
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मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के प्राचीन स्वयंभू महाकाल मंदिर परिसर में एक बेहद अनोखा और अदभुत मंदिर स्थित हैं। जहां लाखों की तादाद में दर्शनार्थी पधारकर बाबा स्वप्नेश्वर महादेव के सामने आकर अपनी अर्जी लगा कर दर्शन करने मात्र से डरावने स्वप्न वाली चिंता से पल में ही मुक्त हो जाते हैं। दरअसल आज के समय में हर व्यक्ति किसी न किसी तरह की गंभीर समस्याओं से ग्रसित होता हैं। उन्हीं में से आज हम बात करने जा रहे हैं। उन लोगों की जिन्हें भयानक बुरे और हद से ज्यादा डरावने स्वप्न सताते हैं।यदि आप भी डरावने और बुरे सपनो से परेशान होकर अनिद्रा का शिकार हो रहे हैं, तो आज हम आपको लेकर चलेंगे मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले की जहां महाकाल का विश्वप्रसिद्ध मंदिर स्थापित हैं। जहां देश और दुनिया से लोग बाबा से आशीष और वरदान प्राप्त करने आते हैं। हम बात करने जा रहे हैं।

महाकालेश्वर मंदिर परिसर में स्थापित श्री स्वप्नेश्वर महाकाल मंदिर जो एक बेहद अनोखा और अद्भुत मंदिर है। साथ ही ऐसी मान्यता है कि डरावने अथवा बुरे सपनों से ग्रसित भक्तगण बाबा महाकाल के दर्शन मात्र से ही इस गंभीर परेशानी से मिनटों में छुटकारा पा लेते हैं। ये मंदिर की ऐसी खासियत हैं कि ये बुरे सपनों और उनके फलों को खत्म करने वाले श्री स्वप्नेश्वर महादेव 84 महाकालों की इस असीम सफर में वे 80वें नंबर पर हैं। इनके विषय में एक प्रचलित कथा भी वर्णित की गई है।

स्कन्द पुराण में है कथा का जिक्र

पुरातन काल में कल्माषपाद नाम के एक सम्राट हुआ करते थे। एक बार उन्होंने जंगल में वशिष्ट मुनि के बेटे और वधु को देखा। उस वक्त उनका बेटा ध्यान में बैठा हुआ था। राजा ने मुनि से कहा कि मार्ग से दूर हो जाओ किंतु मुनि ने इसे अनसुना कर दिया, तो राजा ने गुस्से में आकर मुनि पर चाबुक से वार करना प्रारंभ कर दिया। यह देख वशिष्ट मुनि के दूसरे बेटे ने राजा को श्राप दिया कि राजा तू असुर बनेगा और मनुष्य का सेवन करेगा। राजा ने अपनी भूल की क्षमा मांगी किंतु उसे माफी नहीं मिली।

राजा ने वशिष्ट मुनि के पुत्रों और बहु को खा लिया। जहां रात्रि को राजा को अनेकों प्रकार के बेहद डरावने और बुरे सपने आए। उसने सवेरे सवेरे अपने मंत्री को बुलाया और उसके सामने पूरी गाथा गा दी। तब मंत्री राजा को लेकर वशिष्ट मुनि के द्वार गए। वशिष्ट मुनि ने राजा से कहा कि राजन आप अवंतिका नगरी में महाकालेश्वर के समीप स्थित शिवलिंग के मंगल दर्शन करें, इससे आप के जीवन से समस्त प्रकार के भयानक सपनों का खात्मा होगा। राजा वशिष्ट मुनि के शब्दों के मुताबिक अवंतिका नगरी में आए और यहां अदभुत शिवलिंग का दर्शन और पूजन किया राजा के भयानक सपनों का समापन इसलिए होता हैं क्योंकि शिव जी स्वनेश्वर रूप में बैठे होने के कारण शिवलिंग स्वप्नेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

देश विदेश से लाखों की संख्या में आते हैं श्रद्धालु

ऐसी मान्यता है कि स्वप्नेश्वर महादेव के केवल एक बार दर्शन से खराब सपनों । का खात्मा होता है। वहीं हमने वहां के पंडित विशेषज्ञ से जानते हैं कि यहां भगवान का पूजन अर्चन करने से बुरे सपनों का सर्वनाश होता है। अच्छे सपनों की फल की प्रप्ति होती है जो यहा आकर बाबा के अद्भुत दर्शन करता है उसकी सभी बुरे सपनो का सर्वनाश हो जाता है। यह मंदिर बहुत लोकप्रिय और चर्चितहै। आपको जानकर हैरानी होगी कि यहा देश विदेश से लाखों की संख्या में तादाद में दर्शनार्थी दर्शन कर बाबा का आशीर्वाद लेके जाते हैं।