भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने युवाओं का आव्हान करते हुए कहा कि आइये संकल्प लें कि हम देश के लिए जिएंगे। भारत माता की गरिमा, सम्मान, वैभव और जिन जीवन मूल्यों के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपने प्राणों की आहूति दे दी उन्हें चरितार्थ करने, सभी देशवासियों के लिए अवसरों की समानता सुनिश्चित करने और प्रगति तथा विकास के नए आयाम स्थापित करने के लिए हरसंभव परिश्रम करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आजादी के अमृत महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर शौर्य स्मारक भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संघर्ष और बलिदान से युवा पीढ़ी को परिचित कराने के लिए प्रतिवर्ष प्रदेश के कुछ चिन्हित विद्यार्थियों को शहीदों के तीर्थ स्थल अंडमान-निकोबार की यात्रा पर भेजा जाएगा, जिससे युवा पीढ़ी में देश प्रेम, समर्पण और बलिदान की भावना बलवती होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह प्रयास होगा कि प्रदेश के सभी स्कूलों में एन.सी.सी. और एन.एस.एस. आरंभ हों।
कार्यक्रम में खजुराहो सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री वी.डी. शर्मा, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा, विधायक श्रीमती कृष्णा गौर, पूर्व महापौर श्री आलोक शर्मा, फिल्म निर्माता तथा निर्देशक श्री प्रकाश झा, प्रमुख सचिव संस्कृति तथा जनसंपर्क श्री शिवशेखर शुक्ला और बड़ी संख्या एन.सी.सी तथा एन.एस.एस. के विद्यार्थी उपस्थित थे।
क्रांतिकारियों पर केन्द्रित चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम का आरंभ कन्या पूजन से किया। इसके साथ ही महात्मा गांधी, सरदार पटेल और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की। महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, नेताजी सुभाषचंद्र बोस और मध्यप्रदेश के क्रांतिकारियों पर केन्द्रित चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन भी मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा किया गया। इस अवसर पर वंदे मातरम का गायन हुआ और वैष्णव जन ते ….. भजन भी प्रस्तुत किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शौर्य स्तंभ पर पुष्पचक्र और भारत माता की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
बारिश की बौछारों को आनंद उत्सव बनाया मुख्यमंत्री ने
मुख्यमंत्री श्री चौहान शौर्य स्मारक में आजादी के अमृत महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बारिश की बौछार होने पर मंच से नीचे विद्यार्थियों के बीच उतर आए और वहीं से विद्यार्थियों को संबोधित किया। कुछ मिनिट बाद बारिश थम गई, तो उन्होंने विद्यार्थियों से कहा देखो बारिश भी तुम से पराजित हो गई। इसके पहले कार्यक्रम के दौरान बूंदाबांदी शुरु होने और फिर बौछार तेज होने पर उन्होंने विद्यार्थियों को विचलित होते देख कहा, क्या आप यह बारिश झेल लेंगे, कार्यक्रम चलता रहे। विद्यार्थियों ने कहा हम सब सुनेंगे, तब मुख्यमंत्री श्री चौहान मंच के नीचे उतरे और विद्यार्थियों को संबोधित किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बारिश की बौछारों को आनंद उत्सव बना दिया। उनके संबोधन से विद्यार्थी भी उत्साहित हो गए।
मुख्यमंत्री ने सुनाई स्वतंत्रता सेनानियों के शहीद होने की गाथा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आजादी का अमृत महोत्सव आयोजित करने केलिए आभार मानते हुए कहा कि 12 मार्च को ही महात्मा गांधी द्वारा दांडी यात्रा आरंभ की गई थी। देश को आजादी अंग्रेजों ने तश्तरी में रखकर नहीं दी थी। अपितु हजारों- हजार स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपने प्राणों की आहूतियाँ दीं, तब जाकर देश स्वतंत्र हुआ। इसमें मध्यप्रदेश के रणबॉकुरों की शहादत भी सदैव स्मरणीय रहेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास लेखन में कई सेनानियों के नाम छूटे हैं। भूले-बिसरे इन सेनानियों को सम्मिलित करते हुए उनकी शहादत से भी आगे आने वाली पीढ़ी को परिचित कराना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने चंद्रशेखर आजाद, शहीद भगत सिंह तथा अंडमान-निकोबार में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर अंग्रेजों द्वारा की गई जुल्म और ज्यादतियों के बारे में भी विस्तार से बताया।
प्रदेश में होंगे व्यापक स्तर पर आयोजन
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत व्यापक स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। स्वाधीनता संग्राम की स्मृतियों को सहेजने और संवारने के लिए उन सभी स्थानों पर जहाँ विदेशी आक्रान्ताओं से संघर्ष और उन्हें देश से बाहर खदेड़ने के लिए भारतीय जन ने शौर्य प्रदर्शित किया, वहाँ कार्यक्रम किये जाएंगे।
30 हजार सैनिकों के शौर्य की पहचान है शौर्य स्मारक
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी देश की रक्षा करने और उसकी एकता को बनाए रखने के लिए हमारी सेनाओं ने अद्भुत शौर्य और बलिदान का परिचय दिया है। देश में स्वतंत्रता के बाद लगभग 30 हजार सैनिक विभिन्न युद्धों और संघर्षों में शहीद हुए हैं। इन शहीदों की स्मृति में स्मारक स्थापित करने का विचार 2010 में आया, तभी से शौर्य स्मारक के निर्माण की पहल हुई। शौर्य स्मारक में भारत माता की प्रतिमा भी स्थापित की गई।
खजुराहो सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री वी.डी. शर्मा ने कहा कि स्वतंत्र भारत की युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान से अवगत कराने में आजादी के अमृत महोत्सव की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। श्री वी.डी. शर्मा ने इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार माना। उन्होंने युवा पीढ़ी से देश की प्रगति और उन्नति के लिए संकल्प लेने का आव्हान किया। कार्यक्रम समापन राष्ट्र-गान से हुआ।