नई दिल्ली : दूसरा शाहरुख खान ला ट्रोब यूनिवर्सिटी पीएचडी स्कॉलरशिप, नई दिल्ली की एक छात्रा सुमायरा को प्रदान किया गया। इस छात्रा में कमजोर समुदायों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने का जुनून है जिसे पूरा करने के लिए वह ऑस्ट्रेलिया में उच्च शिक्षा लेगी। दिल्ली में आयोजित एक गाला डिनर में ला ट्रोब विश्वविद्यालय के वाइस-चांस्लर प्रोफेसर थियो फैरेल ने सुमायरा खान को शाहरुख खान ला ट्रोब विश्वविद्यालय पीएचडी स्कॉलरशिप-2024 प्रदान किया जिसके तहत सुमायरा को 225,000 (एयूडी) डॉलर से अधिक की राशि दी जाएगी। चार साल के इस स्कॉलरशिप के लिए इस प्रतिस्पर्धा में शामिल पूरे भारत के आवेदकों में से सुमायरा को चुना गया। यह स्कॉलरशिप मानवता और सामाजिक समता में शाहरुख खान (एसआरके) की उपलब्धियों का सम्मान है। यह पीएचडी स्कॉलरशिप भारतीय फिल्म महोत्सव मेलबर्न के साथ ला ट्रोब की लंबी साझेदारी से मुमकिन हो पाया है।
यह स्कॉलरशिप पूरी दुनिया में बड़े बदलाव लाने की इच्छुक, महिला भारतीय शोधकर्ताओं को सहयोग देने के लिए डिजाइन की गई है। सुमायरा इस स्कॉलरशिप से ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में ला ट्रोब के अत्याधुनिक संस्थानों में शोध कर पाएंगी। सुमायरा चिकित्सा मानवविज्ञानी डॉ. टैरिन फिलिप्स और डॉ. कैथरीन ट्रंडल के साथ काम करेंगी। उनका लक्ष्य ऑस्ट्रेलिया में उन दक्षिण एशियाई प्रवासी महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के विभिन्न प्रयासों को जानना है जिन्हें टाइप 2 डायबीटीज़ का अधिक खतरा है। इस अध्ययन में कथित महिलाओं की निजी देखभाल की क्षमता बढ़ाने और बाधित करने वाले कारकों को बेहतर समझने का प्रयास किया जाएगा। इससे ऑस्ट्रेलिया और भारत के स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रमों के तहत बेहतर स्वास्थ्य सेवा, सुलभता और समता के बारे में महिलाओं को जानकारी मिलेगी।
सुमायरा ने कहा, “मैं शाहरुख खान स्कॉलरशिप प्राप्त कर बहुत आभारी महसूस कर रही हूं। इससे मेरी और मेरे परिवार की जिन्दगी बदलने वाली है। मैं ला ट्रोब के शोधकर्ताओं के वैश्विक समुदाय से संवाद करने के लिए उत्साहित हूं। यह मेरे लिए सबसे गौरवपूर्ण उपलब्धि है’’।
शाहरुख खान ने बताया कि उन्हें भारतीय महिलाओं की प्रगति में योगदान देने की खुशी है। इससे न केवल भारतीय समुदायों की चुनौतियां दूर करने बल्कि दुनिया के अन्य मुद्दों के समाधान में भी सफलता मिलेगी। शाहरुख खान ने कहा, ‘‘सुमायरा में कमजोर समुदायों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा सुलभ कराने का जो जुनून है वह प्रेरणादायक है। विज्ञान के माध्यम से अन्य भारतीय महिलाएं भी सुमायरा के सफर से सीख सकती हैं, जो जन जीवन में सुधार करना चाहती हैं।’’
‘‘इस स्कॉलरशिप के माध्यम से सुमायरा को ला ट्रोब विश्वविद्यालय मेलबर्न में बेहतर भविष्य बनाने और शिक्षा प्राप्त करने में सहयोग देने की मुझे खुशी है।’’