मोदी सरकार से अच्छे संबंध..ABVP की पृष्ठभूमि वाले ‘दत्तात्रेय होसबले’ दोबारा से बनें RSS के महासचिव

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरआरएस) अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने 15 से 17 मार्च तक नागपुर में आयोजित अपनी वार्षिक बैठक के बाद रविवार को दत्तात्रेय होसबले को फिर से अपना महासचिव चुना। “आरएसएस अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) ने सरकार्यवाह पद के लिए  दत्तात्रेय होसबले जी को फिर से (2024-2027) चुना। वह 2021 से सरकार्यवाह की जिम्मेदारी निभा रहे हैं, संगठन ने एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दिया है।

कौन हैं दत्तात्रेय होसबले
69 साल के दत्तात्रेय होसबले 2021 में भैयाजी जोशी से आरएसएस महासचिव का पद संभाला था, 2027 तक सरकार्यवाह के रूप में काम करना जारी रखेंगे। होसबले 1968 में आरएसएस में शामिल हुए और इसकी छात्र शाखा – अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में काम किया। 2003 में, वह आरएसएस के बौद्धिक प्रशिक्षण के प्रभारी और 2009 में संगठन के सह कार्यवाहक बने, यह भूमिका उन्होंने 2021 तक जारी रखी।

जानकारों की माने तो इस कदम को केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि आरएसएस का लक्ष्य अपने हिंदुत्व एजेंडे को आगे बढ़ाना है, जिसमें होसबले और मोदी प्रशासन के बीच मजबूत संबंधों का लाभ उठाते हुए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करना शामिल है।

गौरतलब है कि होसबले की पृष्ठभूमि, एबीवीपी जैसे संगठनों में उनका नेतृत्व और प्रमुख भाजपा नेताओं को तैयार करने में उनकी भूमिका राजनीतिक परिदृश्य में उनके गहरे प्रभाव का संकेत देती है। वहीं होसबले की नियुक्ति आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के साथ समन्वय बढ़ाने का एक रणनीतिक निर्णय था, जिससे आरएसएस की प्रमुख पहलों को सफलतापूर्वक साकार किया जा सका।