बालाघाट: मध्यप्रदेश सरकार ने अवैध शराब व्यापारियों, कच्ची शराब बनाने वालो और इसे खरीदने वालो के खिलाफ एक मुहिम चलाई है जो कि काफी हद तक सफल हो रही है, प्रदेश सरकार की इस मुहीम के जरिए कई कच्ची शराब बनने की जगह पर छापे भी मरे गए है और बहुत से लोगो को प्रशासन ने गिरफ्त में भी लिया है जो अवैध शराब का धंधा करते है। इन सभी के बीच प्रदेश का एक क्षेत्र बालाघाट जहां आज से नहीं काफी लम्बे समय से कच्ची शराब बनाइ और बेचीं जा रही थी, लेकिन यहां के लोगो के अंदर सरकार द्वारा चलए जा रहे इस मुहीम से प्रेरित होकर अचनाक से शराब से अपना नाता तोड़ दिया जिसे देख क्र ऐसा लग रहा है मानो पहले यहां ऐसा कुछ हुआ ही नहीं।
लगता नहीं था कि बालाघाट जहां ये काम काफी लम्बे समय से चल रहा है वह के लोग अचानक से शराब के व्यापार से तौबा कर लेंगे, इतना ही नहीं अब यहा पर यदि कोई शराब पीते या बनाते गांव वालों की नजर में आया तो उससे जुर्माना वसूला जाता है। लेकिन गौरतलब की बात यह है कि इस निर्णय के बाद किसी ने शराब नहीं पी और न ही गांव में शराब बनाई गई।
इतना ही नहीं इस मुहीम से लोगो पर इतना असर हुआ है कि अब यह एक समिति बनाइ गयी है जिसमे 40 सदस्य है जिसके द्वारा इस निर्णय को लिया गया है। 40 लोगो की इस समिति ने शराब बनाने और पीने वालों से जुर्माना वसूलने का भी फैसला लिया है, ताकि वार्ड में शराब पूरी तरह से बंद हो सके।
समिति द्वारा लगाया गया जुरमाना कुछ इस प्रकार है-
1.शराब बनाने वाले पर 5000 रुपये का जुर्माना।
2.शराब पीने वाले पर 2500 रुपये का जुर्माना।
3.यदि कोई इस संबंध में सूचना देगा तो उसे भी 1000 का इनाम दिया जायेगा।