प्रदेश में ड्रग माफिया के खिलाफ प्रशासन सख्त हो गया है जिसके लिए अब वह सख्त कार्यवाही करेंगे। साथ ही एक विशेष अभियान चलाया जाएगा जिसके तहत बच्चों के प्रति सहानुभूति दिखा कर स्नेह से नशे की लत छुड़वाने का प्रयास किया जाएगा। इसको लेकर सरकार द्वारा कहा गया है कि नशीली वस्तुओं का कारोबार करने वालों के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जाए। वहीं नशा करने वाले बच्चों के प्रति सहानुभूति रखी जानी चाहिए। तथा उन्हें स्नेह से नशे की लत छुड़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए। पुलिस उनके खिलाफ ज्यादती ना करे। नशा करने वालों की नशे की लत छुड़ाने तथा उनके पुनर्वास के लिए प्रदेश के सामाजिक न्याय विभाग एवं स्वयंसेवी संगठनों का भी पूरा सहयोग लिया जाए।
15 से 22 दिसंबर तक चलेगा नशा विरोधी विशेष अभियान –
देश में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो भारत सरकार द्वारा अभियान चलाया जाना प्रस्तावित है। जिसके लिए भारत सरकार ने मध्य प्रदेश के 15 जिलों की सूची दे दी है। भारत सरकार के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा प्रदेश के 15 जिलों की सूची भिजवाई गई है जहां नशीली वस्तुओं का कारोबार अधिक पाया गया है। ये जिले हैं… इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, भोपाल, जबलपुर, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, रतलाम, ग्वालियर, सतना, सागर, दतिया तथा रीवा। इसके अलावा विदिशा, पिपरिया, आगर- मालवा क्षेत्र भी संवेदनशील हैं। इन सभी क्षेत्रों में अधिक मामले सामने आए हैं।
कारोबार की देश-विदेश में जड़ें – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में इंदौर आदि जिलों में ड्रग माफियाओं के खिलाफ पुलिस द्वारा सराहनीय कार्रवाई की गई है। इंदौर की तथाकथित “ड्रग वाली आंटी” के तार दिल्ली, गोवा, मुंबई तथा नाइजीरिया से भी जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि खोद-खोद कर ड्रग माफिया को समूल नष्ट करें।
क्योंकि अभी तक कुछ जिम, पब, क्लब, कॉलेजों की कैंटीन,स्कूलों आदि स्थानों के आसपास ड्रग्स एवं नशीले पदार्थों की सप्लाई की कोशिश के मामले सामने आए हैं। सीएम ने कहा कि इस संबंध में सख्ती से कार्रवाई की जानी चाहिए। प्रदेश में हुक्का लाउंज भी संचालित नहीं किए जाएंगे।
केमिकल ड्रग्स अत्यंत खतरनाक – सीएम ने आगे कहा कि केमिकल अत्यंत खतरनाक होते हैं। इंदौर में जहां केमिकल ड्रग सप्लाई का बड़ा मामला सामने आया है, वहीं भोपाल, विदिशा, भिंड, उज्जैन, रतलाम आदि में स्मैक सप्लाई के मामले सामने आए हैं। जनता को नशे के दुष्प्रभावों के संबंध में जागरूक किया जाना चाहिए।