इंदौर के स्टार्टअप यूनिकॉर्न बने एवं विश्व स्तरीय पहचान बनाएं

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इंडियन बैंक एसोसिएशन पूरे देश में g20 सम्मिट के अंतर्गत स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न शहरों में कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर रही हैl इसी तारतम्य में ग्लोबल फोरम फॉर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के साथ मिलकर बैंक ऑफ इंडिया ने परिचर्चा का आयोजन किया l जिसमें इंदौर और आसपास के क्षेत्रों से ढाई सौ से ज्यादा स्टार्टअप सम्मिलित हुए l मुख्य अतिथि के रूप में इंदौर के कलेक्टर इलैया राजा टी मौजूद रहे l एमएसएमई की ओर से डिप्टी डायरेक्टर दीनदयाल जी गजभिए, जिला उद्योग केंद्र की ओर से एसएस मंडलोई जी ,बैंक ऑफ इंडिया की ओर से भूपेश करोली एवं सुनील ढाका उपस्थित रहे lसभी ने बारी-बारी से अपने प्रेजेंटेशन दिए l

इंदौर के कलेक्टर इलैयाराजा टी के द्वारा जीएफआईडी के सदस्यों एवं स्टार्टअप से चर्चा की गई lमुख्य रूप से उन्होंने आव्हान किया कि इंदौर में एक स्टार्टअप सेल बनाई जानी चाहिए, जो सभी प्रकार की मदद नए एवं पुराने स्टार्टअप को प्रदान करें तथा साथ ही एग्री बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर मध्य प्रदेश की औद्योगिक और व्यापारिक राजधानी इंदौर में भी बनाया जाए इसमें सरकार की ओर से जो भी मदद की आवश्यकता होगी वह सदैव तत्पर रहेंगे l एक वेंचर फंड भी विशेष रूप से इंदौर के लिए बनाए जाए क्योंकि बैंक से लोन मिलने में सभी को कठिनाई होती है lअधिकांश स्टार्टअप पूंजी की कमी की वजह से भी आगे नहीं बढ़ पाते हैं lयह वेंचर फंड इंदौर के लोगों द्वारा ही बनाया जाए और यहीं के स्टार्ट को प्रदान किया जाए l

एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर का मुख्य उद्देश्य मालवा क्षेत्र में आने वाले वर्षों में इंकुबेटीस एवं स्टार्टअप्स खड़े करना रहेगा। साथ ही क्षेत्र में फ़सल उत्पाद एवं फ़सल सुरक्षा बढ़ाने एवं प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन की विभिन्न टेक्नालाजी को विकसित करना एवं उसके प्रति जागरूकता पैदा करना होगा। सेंटर की मदद से इंदौर एवं मालवा क्षेत्र ही नहीं अपितु प्रदेश और देश के किसानों और कृषि उत्पादक संगठनों को मदद मिलेगी एवं आधुनिक टेक्नोलोजी को किसानों तक पहुंचा कर उन्हे लाभ प्रदान किया जायेगा।

जीएफआईडी के अध्यक्ष दीपक भंडारी ने कहा कि हम नाबार्ड से भी इस विषय में चर्चा करेंगे l कृषि क्षेत्र से जुड़ी संस्थाओं के माध्यम से इस कार्य को आगे बढ़ा सकते हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार स्टार्ट अप के क्षेत्र में देश के योगदान को रेखांकित किया है। देश में 44 स्टार्ट अप यूनिकॉर्न की श्रेणी में हैं, परंतु उनमें से कोई भी कृषि फोकस स्टार्ट अप नहीं है। हम सबका प्रयास होना चाहिए कि कृषि क्षेत्र में पहला यूनिकॉर्न मध्य प्रदेश के इंदौर से आएl नई तकनीकों के माध्यम से कृषि क्षेत्र को अधिक प्रॉफिटेबल और उन्नत बनाया जाए l