प्रतियोगी परीक्षाओं में चीटिंग करने वाले बच्चों पर अब खैर नहीं है। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने हाल ही में कुछ ऐसे छात्रों को अगली परीक्षाओं से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। बताया जा रहा है कि आरएसएसबी ने अनुचित साधनों का प्रयोग करने वाले अभ्यर्थियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उनको बोर्ड की परीक्षाओं से डीबार्ड कर दिया है। ऐसे में बोर्ड की साल 2018 से लेकर 2020 के बीच हुए परीक्षा में गडबड़ी करने वाले 122 परीक्षार्थियों को 3 साल से लेकर आजीवन तक के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं से बाहर कर दिया गया है। दरअसल, करीब एक दर्जन से ज्यादा प्रतियोगी भर्ती परीक्षाओं के दौरान बोर्ड की ओर से अनुचित संसाधनों का प्रयोग करने वाले 241 परीक्षार्थियों को पकड़ा गया था।
जानकारी के मुताबिक, बोर्ड की ओर से कार्रवाई करते हुए इनमें से 122 परीक्षार्थियों के खिलाफ जहां कार्रवाई की गई है तो वहीं 119 अभ्यर्थियों के खिलाफ फिलहाल जांच लंबित चल रही है। कहा जा रहा है कि जल्द ही इन अभ्यर्थियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड की ओर से 46 अभ्यर्थियों पर आजीवन उसकी प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही 15 परीक्षार्थियों पर 5 साल तक प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने का प्रतिबंध लगाया गया है। इसके साथ ही 55 ऐसे परीक्षार्थी हैं जिनको पटवारी भर्ती परीक्षा 2015 की प्रक्रिया से बाहर करने का आदेश राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से जारी किया गया है।
गौरतलब है कि राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा का कहना है कि जितने भी अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई गई है वे सभी ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने विभिन्न परीक्षाओं के दौरान अनुचित साधनों का प्रयोग किया था। वहीं बोर्ड की ओर से इन अभ्यर्थियों पर कठोर कार्रवाई इसलिए अमल में लाई गई है ताकि भविष्य में कोई भी अभ्यर्थी अनुचित संसाधनों का प्रयोग करने से डरे। इसके अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पारदर्शिता देखने को मिले। दरअसल, अभी तक 122 अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जा चुकी है। 119 अभ्यर्थियों के खिलाफ अभी जांच लंबित चल रही है। ये जांच पूरी होती उनके खिलाफ भी एक्शन लिया जायेगा।