शहर के अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक योग गुरु कृष्णा गुरुजी ने भिक्षुको निराश्रित को आज नव रात्रि का महत्व नव रात्रि का योग से संबंध बता नव वर्ष से वर्ष की शुरुआत की। 98 की संख्या में हित ग्राही एवम निराश्रित को संबोधित करते हुए कहा आज से विक्रम संवत 2080 की शुरुआत हुए है।आज ही के दिन ब्रह्मा ने सृष्टि रचने का निर्णय लिया था। आप सभी अपना अतीत भूल आज से नया जीवन प्रारंभ करे नव रात्रि नए वर्ष की शुरुआत में वैदिक एवम योगिक दोनो तरीके से मंत्र एवम योग के आसान प्राणायाम से शरीर की आरोग्यता एवम मंत्रो से मन का शुद्धिकरण का संदेश दिया गुरुजी ने कहा मेरे गणेश स्थापना कुष्ठ आश्रम में।
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दीपावली पूजन कैदियों भाईयो के साथ मनती है। इन भिक्षुको के अंदर बसने वाले नारायण के साथ आज मेने नव वर्ष की शुरुआत की एवम खुशी हे. गुरुजी ने कहा आज नव रात्रि का प्रथम दिन शेल पुत्री का है जिसका शरीर में स्थान मूलाधार चक्र में होता है। जो सुप्तावस्था में आलस्य के रूप में होता हे प्राणायाम ध्यान से यही ऊर्जा उत्साह में बदल जाती हे। सभी लोगो ने उत्साहित हो माता जी के भजन का परा विद्या अपरा विद्या दोनो से वैदिक एवम योगिक जोड़ा नव वर्ष मनाया ।
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योग में पितृ प्राणायाम शिखर आसान प्रमुख थे। गुरुजी ने अपनी स्पर्श चिकित्सा एस डिवाइन एस्ट्रो हीलिंग से भिक्षुको को हिल कर संदेश दिया की आप यहां बाटने आए है मांगने नही मानव योनि को यू ही व्यर्थ में ना जाने दे।अगर आप आपके साथ है तो सभी दिव्य शक्ति सहयोग आपके साथ है आपस में एक दूसरे के जीवन के नारायण बन तुझ में नारायण मुझ में नारायण का संदेश शास्वत करे,संस्था प्रवेश द्वारा उनकी सेवा से खुश हो गुरुजी ने कहा आज मंदिर के अलावा भी कई नारायण नारायणी इनके रूप में सेवा कार्य कर रहे है,संस्था को समाज की और से साधुवाद दिया संस्था प्रवेश प्रमुख रूपाली जैन ने गुरुजी का स्वागत किया एवम आग्रह किया की समय समय पर अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा से इनका मनोबल बड़ाते रहे।
अंत में कृष्णा गुरुजी द्वारा सभी हितग्राहियों को नई चादर दे तन मन धन से सेवा का संदेश दिया, भारती मंडलोई, वर्षा शर्मा, विशाल वर्मा पिंकू यादव एवम प्रवेश संस्था के सेवक थे