अगर आप भी इस नए साल को अच्छी तरह मनाना चाहते हैं और अपने परिवार की सुख समृद्धि की चाह रखते हैं, तो आप भारत के जमशेदपुर के इस मंदिर के दर्शन करने से आपका पूरा साल अच्छा बीतेगा। बता दें ये झारखंड की लोह नगरी जमशेदपुर से करीब 35km की दूरी पर एक ऐसा मंदिर है, जहां पर किसी देवी देवता का नहीं बल्कि हाथी की पूजा होती है।
ये मंदिर पटमदा के बोडा़म प्रखंड में बाबा हाथी खेदा ठाकुर नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर के आसपास पहाड़ और घने जंगल होने से मंदिर की सुंदरता दिखती है। जिसके कारण वहां पर काफी संख्या में पर्यटक घूमने भी आते हैं। इस मंदिर परिसर के अंदर हाथियों की बहुत सारी मूर्तियां भी बनाई गई है।
मंदिर की अनोखी परंपरा
इस मंदिर के पुजारी दयाल सिंह ने कहा है कि यहां चुनरी और नारियल को एक साथ बांध कर और भेड़ की बलि चढ़ाने की परंपरा है। इस मंदिर खास बात है कि यहां पर इस प्रसाद को महिलाएं नहीं खा सकती है। यहां के प्रसाद को घर पर लें जाना भी वर्जित है। इस मंदिर के आस-पास बसे लोग बताते हैं कि हमारे पूर्वज ने पहले से ही ये नियम बना रखा है कि महिलाओं को यहां का प्रसाद खाना वर्जित है।
यहां पर पूजा करने आई जयश्री शर्मा ने कहा है कि इस मंदिर में दूर-दूर से भक्त मन्नत लेकर आते हैं और उसकी पूर्ति के लिए मंदिर प्रांगण में नारियल, घंटी और चुनरी आदि वस्तुएं बांध कर जाते हैं। इस मंदिर में लोग देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए भेड़ की बलि चढ़ाते हैं। जिसका कुछ हिस्सा मंदिर में चढ़ाया जाता है और बचा हुआ प्रसाद के रूप में ग्रहण करते है।