Somvati Amavasya 2021: सोमवती अमावस्या पर करें चंद्र ग्रहण का ये उपाय, कई परेशानियां होगी दूर

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Somvati Amavasya 2021: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व होता है। इस पावन दिन पितरों का तर्पण करने से उनका विशेष आर्शीवाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व होता है। सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस पावन दिन माता लक्ष्मी की पूजा करना भी शुभ होता है। वहीं 6 सितंबर को सोमवती अमावस्‍या आ रही है।

Somvati Amavasya 2020: Date, Time, Significance and other details | All you  need to know

ज्योतिष में चंद्रमा का महत्व देखें तो चंद्रमा को माता के सुख का कारक ग्रह माना गया है। अगर किसी की जन्म कुंडली में चंद्रमा अशुभ, कमजोर या नीच राशी का हो। तो ऐसे जातक को उसकी माता से प्रेम और स्नेह नही मिल पाता। इसके इलावा चंद्रमा को चल अचल सम्पति जैसे की जमीन और जमापूंजी के सुख का कारक भी माना गया है। स्वास्थ्य के रूप में देखें तो चंद्रमा को हृदय और रक्त का कारक माना गया है। अगर चंद्रमा अशुभ फल दे रहा हो, ऐसे जातक को हृदय और रक्त से जुड़े रोग, हाथो में कम्पन, अचानक बैचेनी और घबराहट बढ़ने जैसी समस्या होती है।

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जब जन्म कुंडली के किसी भी भाव में चन्द्र केतु की युति हो, या फिर चंद्रमा पर केतु की दृष्टि हो या फिर जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में केतु की स्थिति हो, या फिर केतु के पक्के घर यानि जन्म कुंडली के छठे भाव में चंद्रमा की स्थिति हो, सिर्फ ऐसी ही ग्रह स्थिति को चंद्रमा का ग्रहण योग कहा जाता है। इसी का उपाए सोमवती अमावस्या पर किया जाता है। जबकि चन्द्र शनि के संबंध से जो विश्योग बनता है उसका उपाए ऐसी अमावस्या के दिन किया जाता है जो शनिवार के दिन हो।

चन्द्र केतु के इस संबंध से बनने वाले ग्रहण योग के अन्य दुष्प्रभाव के रूप में प्रेम संबंध बन कर टूटना, व्यसायक लेन देन में पैसा अटकना, जमापूंजी का आभाव, खुद का घर ना बन पाना, दिन के ढलते ही बैचेनी और घबराहट बढना, हृदय रोग, और अगर किसी महिला की जन्म कुंडली में यह ग्रहण योग हो तो उसको विवाह और सन्तान प्राप्ति में बाधा, घरेलू जीवन में कष्ट होता है। अगर आपकी भी जन्म कुंडली में चन्द्र केतु का यह ग्रहण योग है, और आपको अशुभ फल मिल रहे है, तो आपको इस सोमवती अमावस्या 6 सितम्बर के शुभ अवसर का लाभ जरुर प्राप्त करना चाहिये।